लोकसभा चुनाव 2019 की मतगणना में सिर्फ एक दिन शेष हैं। भारतीय जनता पार्टी एवं कांग्रेस के प्रत्याशियों के साथ कई दिग्गजों की धड़कनें भी बढ़ गई हैं। अजमेर लोकसभा सीट इसलिए भी खास हैं कि 2009 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट-
Sachin Pilot सांसद चुने गए और केन्द्र में मंत्री बने वहीं 2014 में वे सांवर लाल जाट से चुनाव हार गए। वहीं लोकसभा उपचुनाव 2018 में प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा सांसद चुने गए हैं। सांसद पद से त्याग पत्र देने के बाद केकड़ी से विधायक बने और चुनाव जीतकर केबिनेट मंत्री बने। ऐसे में कांग्रेस प्रत्याशी रिजु झुनझुनवाला की हार-जीत इनकी प्रतिष्ठा से जुड़ी हुई हैं। कांग्रेस प्रत्यासी रिजु की सास एवं पूर्व मंत्री बीना काक के साथ पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री नसीम अख्तर की साख भी दांव पर है।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व मंत्रियों की साख भी दांव पर- भाजपा प्रत्याशी भागीरथ चौधरी को टिकट दिलाने से लेकर कैंपेनिंग के लिए पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे Vasundhara Raje का प्रमुख हाथ रहा है। वहीं पूर्व शिक्षा एवं पंचातीराज राज्यमंत्री व विधायक वासुदेव देवनानी, पूर्व महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री व विधायक अनिता भदेल की साख भी दांव पर है। पूर्व संसदीय सचिव एवं पुष्कर विधायक सुरेश सिंह रावत, पूर्व संसदीय सचिव शत्रुघ्न गौतम की भी साख इनकी हार-जीत से जुड़ी हुई है। भाजपा प्रत्याशी चौधरी अगर जीतते हैं तो इनकी मेहनत को सराहा जा सकता है और और हार हुई तो हार का ठीकरा इनके माथे फूटना भी तय है।
उपचुनाव का परिणाम दोहराना चुनौती- कांग्रेस के समक्ष लोकसभा उपचुनाव में डॉ. रघु शर्मा की जीत का इतिहास दोहराने की चुनौती है। उपचुनाव के बाद कांग्रेस को संजीवनी मिली और राजस्थान के साथ छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश में भी जीत दर्ज की थी। मगर, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सीट बरकरार रख पाती है या नहीं यह तो गुरुवार को मतगणना के बाद स्पष्ट होगा।