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Ajmer Jail: 15 सौ रुपए में बीड़ी, तीन हजार में सिगरेट, 6 सौ रुपए में गुटखा

locationअजमेरPublished: Jul 20, 2019 11:59:43 am

Submitted by:

Amit Amit Kakra

जेल (Jail) में सुविधा का खेल, कर्मचारी सहित अन्य लिप्त

Ajmer jail: charge for every thing cigarette, gutkha

Ajmer Jail: 15 सौ रुपए में बीड़ी, तीन हजार में सिगरेट, 6 सौ रुपए में गुटखा

अजमेर.

गुनाहों की सजा देने के लिए बनाई गई जेल (Jail) में सुविधा का खेल चल रहा है। हर शौक के लिए अलग से रकम ली जा रही है। यह खुलासा भ्रष्ट्राचार निरोधक ब्यूरो (acb) की ओर से की गई कार्रवाई में हुआ है। इसमें बीड़ी, सिगरेट (cigarette) गुटखे सहित हर शौक के लिए रेट तय है। जो जेल में प्रतिबंधित हैं, लेकिन यह सब आपसी मिलीभगत से बड़ी आसानी से बंदियों तक पहुंचाया जा रहा था। सुविधा शुल्क को ऊपर से नीचे तक बंट भी रहा है।
उत्पादों की दर बाजार भाव (market rate) से 100 गुना ज्यादा दर वसूली जा रही थी। बाजार में 15 रुपए में बिकने वाला बीड़ी का बंडल जेल में 1500 रुपए में बेचा जा रहा था। ऐसे ही सिगरेट पैकेट (cigarette) ढाई से 3 हजार रुपए में बिक रहा है। पांच रुपए के गुटखे व पान मसाले (pan masala) के छह सौ रुपए लिए जा रहे थे। वसूली के खेल में बंदी और उसकी तलब देखकर रेट कम ज्यादा कर दी जाती है।
जेल फोन होता फिर खाते में जमा कराने पड़ते थे पैसे
जेल (jail) में वसूली का खेल 3 तरह से संचालित है। जेल jail) के भीतर के कैदी अपने बाहरी व्यक्ति के सम्पर्क में रहता है। उसके कहने पर बाहरी व्यक्ति बंदी के परिजन से सम्पर्क कर नकद रकम हासिल कर लेता है या फिर बंदी परिजन को बैंक खाते का नम्बर मुहैया करा देता है। परिजन रकम डाल देते हैं। एसीबी (acb) ने ऐसे बैंक खाते भी सीज किए हैं।
जेल (jail) में विचाराधीन बंदी से वार्ड व बैरक में रखकर प्रताडऩा नहीं देने की एवज में भी वसूली का खेल चलता है। इसके अलावा नाली, टॉयलेट की सफाई व अन्य काम से बचाने के लिए भी सुविधा शुल्क वसूला जाता है। जेल में बंदियों को बैरक में मोबाइल, व्यसन की वस्तुएं मुहैया कराने की व्यवस्था का पैसा वसूला जाता है।
दीपक उर्फ सन्नी लौंगिया निवासी सन्नी दरगाह क्षेत्र में किराए पर होटल का संचालन करता था। नाबालिग से होटल में दुष्कर्म में सजा काट रहा है। सन्नी की पैरोल शुक्रवार को खत्म हुई। जेल पहुंचने से पहले एसीबी के हत्थे चढ़ा। भाई व रिश्तेदार के जरिए रंगदारी वसूली। सागर दीपक का छोटा भाई है व पोलू रिश्तेदार है। दोनों दीपक के इशारे पर जेल के बाहर बंदियों के परिजन से रकम वसूली करते हैं। शैतान सिंह सरवाड़ का रहने वाला है। हत्या के मामले में सजायाफ्ता। 2015 से आजीवान कारावास की सजा काट रहा है। जेल में लंगर का इंचार्ज है। शुक्रवार को शैतानसिंह पैरोल पर निकलने वाला था। कार्रवाई के बाद पैरोल रुकी। रमेश सिंह शैतान सिंह का छोटा भाई। हत्या (murder) के मामले में जेल (jail) में है।

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