कई खट्टी-मीठी यादें देकर वर्ष-2018 विदा हो गया। पौष माह की सर्द-ठिठुराती सोमवार शाम को अजमेर के नाग पहाड़ से दूर क्षितिज में साल की अंतिम सुनहरी किरणें बिखराते हुए अस्ताचल में अस्त होते सूर्यदेव तथा इस विदाई के क्षण के मूक साक्षी बना आनासागर झील पर परवाज भरता पक्षी