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दो और कंपनी के संचालक लाखों की ठगी कर फरार

locationअहमदाबादPublished: Nov 15, 2018 10:16:25 pm

किम इन्फ्रास्क्ट्रचर एंड डेवलपमेंट, हेल्प फायनांस के संचालक कार्यालय बंद कर भागे,कई और पीडि़त भी पहुंचे वाडज थाने

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दो और कंपनी के संचालक लाखों की ठगी कर फरार

अहमदाबाद. ऑनलाइन विज्ञापन देखकर लोगों से २६० करोड़ ठगने के बाद फरार हुए शाह दंपत्ति विनय एवं भार्गवी का मामला अभी सुलझा भी नहीं है कि शहर में एक और बड़ी ठगी की घटना सामने आई है। वाडज इलाके में बीते करीब दस सालों से कार्यरत दो कंपनियों के संचालक भी निवेशकों को लाखों रुपए की चपत लगाकर फरार हो गए। इनकी ठगी का आंकड़ा भी करोड़ों में होने की आशंका है।
वाडज थाने में इस बाबत नारोल निवासी राजेश पवार (४७) ने ठगी एवं विश्वासघात का मामला दर्ज करवाया है। इसमें आयकर चार रास्ते के पास सी.यू.शाह कॉलेज गली में नीलकंठ एवन्यु में स्थित किम इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट, हेल्प फाचयनांस, सेक्टर कॉमर्शियल एस्टेट नाम की कंपनी के निदेशक कंचन दत्ता, रविन्द्र सिंह सिंधु सिंह, के.एस.लाल, मैनेजर दशरोजी, एरिया मैनेजर मलय के विरुद्ध ठगी का आरोप लगाया है।
शिकायत में बताया कि करीब दस साल से यह कंपनी चल रही है। उन्होंने वर्ष २००९ में इस कंपनी में डेढ़ लाख रुपए का निवेश किया था। उसके वर्ष २०११ में तीन लाख रुपए उन्हें मिल गए। जिससे कंपनी पर विश्वास हुआ तो उन्होंने और उनके परिजनों ने भी इस कंपनी में वर्ष २०११ में फिर से निवेश किया। निवेश की गई राशि की एफडी जनवरी महीने में पक कई। जो राशि करीब तीन लाख रुपए होती है। इसके अलावाकंपनी की मंथली इन्वेस्टमेंट स्कीम (एमआईएस) स्कीम में निवेश किए गए पचास हजार रुपए भी बकाया है। कंपनी संचालकों से इस बाबत बात करने पर उन्होंने कुछ चेक दिए थे वो भी रिटर्न हो गए। राजेश पवार जब कंपनी के कार्यालय पहुंचे तो वहां पर ताला लटका मिला।
इस पर उन्होंने बुधवार को वाडज थाने में विश्वासघात और ठगी की प्राथमिकी दर्ज करवाई है। कंपनी के करीब एक से डेढ़ साल से पैसे देने में आनाकानी कर रहे होने की बात राजेशभाई ने कही। कंपनी की ठगी के शिकार हुए और लोग भी वाडज थाने एवं कंपनी के कार्यालय पहुंचे। वहां ताला लगा देख वो अब निसहाय महसूस कर रहे हैं। कईयों ने तो पूरे परिवार और मित्रों के मिलाकर ८० से ९० लाख रुपए तक का निवेश कंपनी में किया है। निवेशकों की मानें तो कंपनी ने गुजरात ही नहीं बल्कि दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में भी लोगों को चपत लगाई होगी। आंकड़ा करोड़ों में हैं।
पहले पंजाब में इसका मुख्यालय था। बीच में चंडीगढ़ ले गए और कुछ समय से दिल्ली से कंपनी कामकाज कर रही थी। उनके जैसे सैकड़ों निवेशक होने की आशंका निवेशक जता रहे हैं।

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