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विद्यार्थियों को मोबाइल की लत कर रही है परेशान

locationअहमदाबादPublished: Jan 20, 2019 10:36:02 pm

Submitted by:

Omprakash Sharma

कई विद्यार्थी मनोरोग विशेषज्ञ और मनोवैज्ञानिकों की शरण मेंबोर्ड परीक्षार्थियों के लिए निशुल्क हेल्पलाइन

Students are addicted to mobile phone trouble

विद्यार्थियों को मोबाइल की लत कर रही है परेशान

अहमदाबाद. बोर्ड की परीक्षाएं जैसे-जैसे नजदीक आ रहीं है, वैसे-वैसे विद्यार्थियों में पढ़ाई को लेकर तनाव बढ़ रहा है। इस बार कई विद्यार्थी अपनी मोबाइल की लत को लेकर भी परेशान नजर आ रहे हैं। जिसकी वजह से उन्हें मनोरोग विशेषज्ञ (साइकियाट्रिक) और मनोवैज्ञानिकों (साइक्लोजिस्ट) से परामर्श लेना पड़ रहा है। परीक्षार्थियों के लिए निशुल्क शुरू की गई होप साइकियाट्री क्लीनिक नामक हेल्पलाइन के चिकित्सक का कहना है कि यह पहली बार है जब एक साथ कई विद्यार्थियों की पढ़ाई मोबाइल की लत के कारण प्रभावित हो रही है और उन्हें काउंसलिंग के लिए आना पड़ा।
शहर के सरकारी मेंटल अस्पताल में मनोरोग विशेषज्ञ की प्रेक्टिस करने वाले एवं पढ़ाई से तनाव महसूस करने वाले विद्यार्थियों को हेल्पलाइन -९७३७५०१५०० तथा ६३५६५०१५०० के माध्यम से निशुल्क मार्गदर्शन देने वाले डॉ. रमाशंकर यादव ने बताया कि इन दिनों उनके पास दो छात्र एवं दो छात्राएं आईं हैं जो मोबाइल लत के कारण डिस्टर्ब हैं। इसके कारण उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इस लत की वजह से उन्हें पढऩे की कम व मोबाइल पर गेम खेलने और चेटिंग करने की ज्यादा इच्छा होती है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष इस तरह की परेशानी वाले विद्यार्थी नहीं थे। ऐसे भी कई विद्यार्थी हैं जिनका दसवीं में अच्छा परिणाम आया था और ग्यारहवीं और बारहवीं में वे इतने निराश हो गए हैं कि परीक्षा देने से भी इनकार कर रहे हैं। इनमें से दो का सपना आईआईटी और डॉक्टर बनना है। हालांकि काउसलिंग किए जाने पर उनकी स्थिति में सुधार हुआ है। परीक्षार्थी हेल्पलाइन का लाभ सुबह आठ बजे से शाम आठ बजे तक ले सकते हैं।
दस मिनट से ज्यादा नहीं दिया जाना चाहिए मोबाइल फोन
डॉ. यादव का मानना है कि बच्चों के लिए मोबाइल फोन दस मिनट से ज्यादा नहीं दिया जाना चाहिए। मोबाइल गेम एक तरह की आदत सी हो जाती है जिससे बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
परीक्षार्थियों के लिए विशेष ध्यान देने योग्य बातें
मनोचिकित्सक डॉ. यादव एवं साइक्लोजिस्ट चिन्मय देसाई के अनुसार बहुत से छात्र पढ़ाई को लेकर अक्सर तनाव महसूस करते हैं जिसकी वजह से कई बार परीक्षा में सब कुछ जानने के बाद भी वे परीक्षा में भूल जाते हैं। तनाव के समय दिन में थोड़ा समय निकालकर लंबी गहरी सांस लेना, पेट अंदर करना व धीरे से सांस छोड़ी जानी चाहिए। इसससे दिमाग को आराम मिलता है। दिन में दो बार 5 मिनट के लिए ऐसा किया जाना चाहिए।
सोने की अच्छी आदत
नींद लेने की प्रक्रिया से ज्यादा छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए। कम नींद लेकर ज्यादा काम करना बिना ईंधन के कार चलाने का प्रयास करने के समान है। सोने से पहले चाय कॉफी या अल्कोहल का सेवन नहीं किया जाना चाहिए। सोने जाएं तो दिमाग में नकारात्मक विचार न लाएं। बचे हुए काम है वह एक पेपर में टू द लिस्ट में लिखें । आसपास का माहौल सोने लायक होना चाहिए अच्छी नींद के लिए कमरे का तापमान और बिस्तर आरामदायक होना चाहिए।
संतुलित भोजन जरूरी
अच्छी नींद के साथ-साथ संतुलित भोजन भी बेहद जरूरी है। खाली पेट पढ़ाई नहीं होती। सुबह का नाश्ता भारी होना चाहिए और रात का खाना हल्का होना चाहिए । चाय और कॉफी का सेवन कम किया जाना चाहिए। पढ़ाई करते समय हल्का नाश्ता या फलों का सेवन किया जा सकता है।
नियमित व्यायाम
प्रतिदिन आधा घंटे व्यायाम करने से तनाव से राहत मिलती है। इससे याद करने की प्रक्रिया भी बेहतर होती है। व्यायाम के साथ थोड़ी देर के लिए संगीत सुनना भी दिमाग के लिए आरामदायक होता है।
याद करने का यह भी तरीका हो सकता है
समझ कर पढऩा जरूरी है। ज्यादा महत्वपूर्ण है उसे पहले पढें़। मुश्किल चीजों को फोटो बनाकर या डायग्राम बनाकर पढ़ा जा सकता है। हिस्ट्री, भूगोल जैसे विषयों को चित्र या फ्लो चार्ट के माध्यम से समझा जा सकता है। महत्वपूर्ण शब्दों को अंडरलाइन करें और उन्हें लिखा भी जा सकता है। इससे पूरे पैराग्राफ को पढऩे की जरूरत नहीं रहेगी। प्रतिदिन के लिए पहले से ही योजना बनानी चाहिए। अपनी घबराहट को नियंत्रित रखें और नकारात्मक विचारों से दूर रहें।

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