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समाज को जोड़कर गोसेवा कर रहे राजेन्द्र अग्रवाल

locationअहमदाबादPublished: Sep 20, 2018 07:34:56 pm

Submitted by:

arun Kumar

छोटे से सफर से पाया बड़ा मुकाम
 

Rajendra agrawal doing goseva with socity

Rajendra agrawal doing goseva with socity

अहमदाबाद : प्रवासी राजस्थानी देश में कहीं भी रहें, वे जो कुछ भी करते हैं कुछ अलग करते हैं। ऐसेे ही व्यक्ति हैं राजेन्द्र कुमार अग्रवाल। वे अहमदाबाद के साबरमती अग्रवाल समाज के अध्यक्ष हैं। मूल रूप से राजस्थान के करोली जिले के घोंसला गांव से उनका संबंध है। उन्होंने बताया कि कि गांव में खेती होने के बावजूद परिवार का भरण पोषण नहीं होने पर उनके पिता कन्हैंयालाल अग्रवाल वर्ष 1956 में अहमदाबाद आ गए थे। यहां उन्होंने काफी मेहनत के बाद रोजी-रोटी का जुगाड़ कर बाल-बच्चों को पढ़ाया लिखाया। पेश है पत्रिका टीवी की उनसे खास बातचीत::::
छाटे से कारोबार से बड़ा सफर

राजेंन्द्र के पिता उस समय सीजन की चीजों को लेकर फेरी लगाते थे, और यहां से कमाकर राजस्थान भेजते थे। उन्होंने पिता के इस संघर्ष को देखा था और उनसे यह सीखा कि कोई काम छोटा नहीं होता। इसके बाद उन्होंने एक छोटी सी फरसाणे (नमकीन) की दुकान खोली। इसके बाद धीरे-धीरे काम बढ़ता गया और आज वे एक कैटरिंग के सफल व्यवसायी बन गए हैं।
गायों के लिए हरे चारे का करते हैं इंतजाम

परिवार को स्टेबलिस करने के बाद राजेंद्र ने समाज सेवा करने का मन बनाया। वर्ष 2000 में उन्होंने साबरमती अग्रवाल समाज की स्थापना की और इसके बाद समाज के कुछ लोगों को साथ लेकर वह साइकिल से घर-घर जाते थे और लोगों को जोडऩे का प्रयास करते थे। इसमें दिक्कतें तो जरूर आईं, लेकिन आज समाज से करीब एक हजार लोगों के परिवार को जोडऩे में सफल रहे। वर्ष में एक दो बार वे अपनी मातृभूमि पर जाते हैं और वहां कुलदेवी कैलामाता की पूजा अवश्य करते हैं। अहमदाबाद में अग्रवाल समाज का करीब 20 संगठन है। लेकिन इनके बीच उनके समाज की भी पहचान बन गई है। इन सबके बावजूद गो-सेवा के लिए भी ये विशेष रूप से काम करते हैं। गायों के चारे और रहने के लिए एक ट्रस्ट के तहत रुपए जुटाते हैं।
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