जिसमें ए विकल्प में शरद यादव का नाम था, बी में लालू यादव, सी में शत्रुघ्न सिन्हा का और डी में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का भी नाम लिखा गया था। अनशन पर बैठे हार्दिक पटेल को आठ सितंबर के दिन तबियत बिगडऩे पर एसजीवीपी अस्पताल में पूर्व केन्द्रीय मंत्री व नेता शरद यादव ने पानी पिलाया था। सही जवाब देखा जाए तो शरद यादव है। दिलचस्प बात यह भी है कि इसमें लालू प्रसाद यादव के नाम की जगह लालूप्रदास यादव नाम का विकल्प दिया है।
रविवार को गांधीनगर महानगर पालिका में क्लर्क के ५० पदों के लिए भर्ती परीक्षा ली गई थी। इस परीक्षा में करीब डेढ़ लाख उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया।
हार्दिक पटेल २५ अगस्त से पाटीदारों को आरक्षण दिलाने, गुजरात के किसानों की संपूर्ण कर्ज माफी की मांग और अल्पेश कथीरिया की जेल से रिहाई की मांग को लेकर अपने आवास स्थल ग्रीनवुड रिसोर्ट में ही अनशन पर बैठे थे। १९ वें दिन उन्होंने अपना अनशन तोड़ा। जबकि राज्य सरकार की ओर से उनकी तीन में से एक भी मांग नहीं मानी गई।
हार्दिक के अनशन के मुद्दे पर मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और राज्य सरकार के ज्यादातर मंत्री बयान देने से कन्नी काटते दिखाई दिए थे। पाटीदार समाज की प्रमुख छह संस्थाओं के अध्यक्ष व अग्रणियों ने हार्दिक पटेल का अनशन तुड़वाया था। अब ऐसे में हार्दिक पटेल के अनशन तोड़े से जुड़ा सवाल भर्ती परीक्षा में पूछे जाने के चलते विवाद गहराया है, जिससे आगामी समय में इस मामले में कई लोगों पर कार्रवाई होने के आसार दिखाई दे रहे हैं।
यूं तो यह सवाल पूछे जाने में कोई बुराई नहीं है,लेकिन सरकार के लिए समस्या बने हार्दिक से जुड़ा सवाल पूछे जाने से चर्चा और विवाद है।
हार्दिक से जुड़ा सवाल पूछे जाने से हार्दिक पटेल के समर्थक और पाटीदार समाज में काफी खुशी है। सोशल मीडिया में भी पाटीदारों ने इस पेपर को काफी जोरशोर से वायरल करना शुरू किया है।