script‘पास’ ने गुजरात ओबीसी आयोग से की सर्वे व आरक्षण की मांग | PAAS Submitted memorandum to Gujarat OBC Commission for reservation | Patrika News

‘पास’ ने गुजरात ओबीसी आयोग से की सर्वे व आरक्षण की मांग

locationअहमदाबादPublished: Nov 22, 2018 07:14:06 pm

हार्दिक पटेल की अगुवाई में २५ सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल मिला,11पृष्ठ का पत्र सौंपा, पाटीदारों के लिए नौकरी, शिक्षा में मांगा आरक्षण,महाराष्ट्र में मराठों, राजस्थान में गुर्जर को दिए आरक्षण का भी हवाला

Gujarat OBC Commission

‘पास’ ने गुजरात ओबीसी आयोग से की सर्वे व आरक्षण की मांग

गांधीनगर/अहमदाबाद. गुजरात के पाटीदारों को ओबीसी आरक्षण दिलाने के लिए साढ़े तीन साल से आंदोलन कर रही पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पास) के मुख्य संयोजक हार्दिक पटेल की अगुवाई में २५ सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने गुरुवार को गुजरात ओबीसी आयोग पहुंचकर पाटीदारों का सर्वे करके उन्हें ओबीसी आरक्षण देने की मांग की।
आयोग को सौंपे गए 11 पृष्ठों के पत्र में हार्दिक पटेल ने गांवों में बसने वाले खेती-किसानी से जुड़े पाटीदारों को सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़ा बताते हुए सरकारी नौकरी और शिक्षा में ओबीसी आरक्षण की मांग की। शहरों में बसने वाले गरीब पाटीदारों को भी आरक्षण देने की मांग की। यदि अभी भी आरक्षण नहीं दिया गया तो आगामी साल में हालत और भी ज्यादा खराब होने की बात कही है।
वर्ष २०१५ से लगातार आरक्षण की मांग करने का हार्दिक ने दावा करते हुए कहा कि १६ अप्रेल २०१६ को पहली बार गुजरात ओबीसी आयोग को सर्वे व आरक्षण के लिए आवेदन दिया था। अब तक पाटीदारों को आरक्षण देने के लिए ६५ के करीब आवेदन अलग अलग संस्थाओं, पाटीदारों ने दिए हैं फिर भी कोई प्रगति नहीं हुई, जिससे वे फिर से आवेदन देने आए हैं, ताकि पाटीदारों का सर्वे करके उन्हें ओबीसी आरक्षण मिल सके।
हार्दिक पटेल ने पत्र में लिखा है कि गुजरात में जिन जातियों को आरक्षण दिया जा रहा है उसमें किसी भी प्रकार का बदलाव किए बिना पाटीदारों को ओबीसी का आरक्षण दिया जाए।
हार्दिक ने राजस्थान के गुर्जरों को दिए आरक्षण और महाराष्ट्र में मराठाओं को ओबीसी आरक्षण दिए जाने की हो रही तैयारी का हवाला देते हुे पत्र में लिखा कि महाराष्ट्र ओबीसी आयोग ने कहा है कि ओबीसी आरक्षण के २७ प्रतिशत कोटे में वृद्धि करके मराठाओं को आरक्षण दिया जाए। महाराष्ट्र में ५२ प्रतिशत आरक्षण था, जो बढ़कर ६८ प्रतिशत होने जा रहा है। संविधान के आर्टिकल १५ के तहत भी ५० फीसदी से ज्यादा आरक्षण दिया जा सकता है। उसमें कोई रोक नहीं है। ऐसा ही गुजरात में पाटीदारों को आरक्षण देने के लिए किया जा सकता है।
सर्वे को बने समिति, पाटीदार संस्थाएं मदद को तैयार
हार्दिक पटेल ने पारदर्शी तरीके से पाटीदारों का सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक सर्वे हो सके इसके लिए निजी एजेंसी, सरकारी एजेंसी, आयोग की ओर से नहीं बल्कि एक समिति के जरिए सर्वे कराने की मांग की है। उस समिति में पाटीदार समाज के प्रतिनिधियों को शामिल करने की मांग की है। सर्वे में पाटीदारों की संस्थाओं की ओर से गांव-गांव, घर-घर जाकर आयोग के जरूरी सर्वे फॉर्म को भरने में मदद करने की भी तैयारी दर्शाई है।
किसान पाटीदार घटे, गैर किसान खरीद रहे जमीन
पत्र में किसान पाटीदारों के घटने और उन पर कर्ज बढऩे का भी दावा किया है। इसके अलावा गैर किसानों की ओर से जमीन खरीदे जाने की बात कही है। २०१७ की स्थिति में बीते दस सालों में ३.५५ लाख किसान घटे होने और 17 लाख खेत मजदूरों की संख्या बढऩे का दावा किया है। वर्ष २०१८ की स्थिति में गुजरात में करीब एक करोड़ खेत मजदूर होने का दावा किया। वर्ष १९४७ में एक पाटीदार परिवार के पास औसतन दस एकड़ जमीन थी जो आज घटकर एक एकड़ रह गई होने का दावा किया है। छोटे किसानों से महंगी खेती नहीं हो पा रही जिससे वो जमीन बेचकर मजदूरी करने लगे हैं। जो कोशिश कर रहे हैं उन पर कर्ज बढ़ रहा है। नहीं चुका पाने के चलते आत्महत्या कर रहे हैं। गुजरात में किसान की मासिक आय मजह ७९२६ रुपए और उसकी तुलना में कर्ज ३८१०० रुपए होने का दावा किया है।
भारत में किसान ही जमीन खरीद सकता है उस नियम की पालना नहीं हो पा रही है। कई गैर किसान जमीने खरीद रहे हैं। कृषि की जमीन को गैर कृषि में परिवर्तित किया जा रहा है।
Hardik
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