scriptपांच सालों में सरकारी स्कूलों से 1550 कंप्यूटर हुए पार | Over 1550 computers have been acquired from government schools in five years | Patrika News

पांच सालों में सरकारी स्कूलों से 1550 कंप्यूटर हुए पार

locationअहमदाबादPublished: Aug 12, 2017 11:28:00 pm

चोरों ने राज्य की सरकारी स्कूलों से 1550 कंप्यूटरों चोरी कर लिया है। एक दो साल नहीं बल्कि पांच सालों से चोर सरकारी प्राइमरी और माध्यमिक स्कूलों को अपन

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अहमदाबाद. सरकार के डिजिटल इंडिया व कंप्यूटर साक्षरता अभियान को चोर बट्टा लगाते दिखाई दे रहे हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चोरों ने राज्य की सरकारी स्कूलों से 1550 कंप्यूटरों चोरी कर लिया है। एक दो साल नहीं बल्कि पांच सालों से चोर सरकारी प्राइमरी और माध्यमिक स्कूलों को अपना निशाना बना रहे हैं।


पांच सालों से जो कंप्यूटर प्राइमरी व माध्यमिक स्कूलों के बच्चों को कंप्यूटर ज्ञान देने के लिए सरकार की ओर से उपलब्ध कराए गए थे। चोर इन्हें चोरी कर ले गए। इसमें सबसे ज्यादा ९८६ कंप्यूटर सरकारी प्राइमरी स्कूलों के हैं। ५८२ कंप्यूटर माध्यमिक स्कूलों से चोरी हुए हंै। सबसे ज्यादा कंप्यूटर दाहोद जिले में २१० के करीब चोरी हुए। अहमदाबाद जिले में स्कूलों से प्राइमरी में ४१ और माध्यमिक स्कूलों से ३६ कंप्यूटरों की चोरी हुई। मनपा इलाके में प्राइमरी में दो और माध्यमिक स्कूलों से २८ कंप्यूटरों की चोरी हुई। सूरत जिले की स्कूलों से ५४ कंप्यूटरों की चोरी हुई। यह जानकारी दरियापुर से विधायक ग्यासुद्दीन शेख की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में शिक्षामंत्री भूपेन्द्र सिंह चुड़ास्मा ने विधानसभा में दी।


इसमें उन्होंने बताया कि ३१-१०-२०१६ की स्थिति के तहत बीते पांच सालों में १५५० कंप्यूटरों की चोरी होने के चलते सरकार ने सभी सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर रूम की खिड़कियों, दरवाजों पर ग्रिल लगाई है। मजबूत ताला लगाया है। चौकीदार की तैनाती की है। सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। साथ ही डीईओ व डीपीईओ के माध्यम से स्कूलों में चोरी रोकने व पेट्रोलिंग बढ़ाने के लिए कहा है।

जीयू की पीएचडी, एमफिल प्रवेश परीक्षा स्थगति
गुजरात विश्वविद्यालय (जीयू) की ओर से शनिवार को ली जाने वाली पीएचडी और एमफिल की प्रवेश परीक्षा फिलहाल स्थगति कर दी गई है। जीयू के कार्यकारी रजिस्ट्रार की ओर से इस बारे में देर शाम जारी किए गए निर्देश में अपरिहार्य परिस्थिति के चलते शनिवार को होने वाली पीएचडी, एमफिल की प्रवेश परीक्षा को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। शनिवार को होने वाली इस प्रवेश परीक्षा में करीब ढाई हजार विद्यार्थी बैठने वाले थे।


इस बीच एबीवीपी के छात्रनेता कुश पंड्या के एमफिल रजिस्ट्रेशन में गड़बड़ी और अनियमितता का आरोप लगाते हुए एनएसयूआई की ओर से जीयू कार्यालय में प्रदर्शन किया गया था।


जीयू कुलपति ने नियम पूरे करने वाले व्यक्ति को ही प्रवेश परीक्षा में बैठने देने का आश्वासन दिया था। यह पता लगने पर शाम को एबीवीपी के छात्रनेताओं ने भी जीयू में हंगामा किया। विवाद बढऩे के चलते जीयू की ओर से शनिवार को होने वाली प्रवेश परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है। हालांकि परीक्षा स्थगति करने का कारण नहीं बताया है। एनएसयूआई के शहर अध्यक्ष आसिफ पवार ने आरोप लगाया कि एबीवीपी के छात्रनेता कुश पंड्या की ओर से कराए गए एमफिल के रजिस्ट्रेशन में गड़बड़ी व नियमों की अनदेखी की गई है। एमफिल में रजिस्ट्रेशन के लिए यूजीसी के नियमानुसार ५५ प्रतिशत अंक होने जरूरी हैं, जबकि कुश पंड्या के ५४.८३ प्रतिशत अंक ही हैं। ऐसे में उनका रजिस्ट्रेशन कैसे हो सकता है।

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