सीसीटीवी फुटेज से खुला राज :
एसपी मीणा ने बताया कि जांच में जुटी एक टीम को राजकोट व अमरेली एसटी डिपो के सीसीटीवी फुटेज में नाथाभाई पार्सल के साथ दिखाई दिया, जिससे पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया।
मकान की रंजिश के चलते रचा षड्यंत्र :
पूछताछ में नाथाभाई ने पार्सल बम भेजने की बात कबूल की। आरोपी ने उपलेटा का मकान वर्ष २००६ में वल्लभभाई डोबरिया को बेचा था, जिसके ना तो रुपए मिले और ना ही मकान वापस मिला। इस मामले में नाथाभाई ने कोर्ट में केस किया था, जो १० वर्षों से चल रहा है। मामला अदालत में होने से आरोपी मानसिक रूप से परेशान हो गया था। इसके अलावा वर्ष २००८ में आरोपी एक विवाह समारोह में गया था, जहां भी वल्लभभाई ने उसे सभी के सामने अपमानित किया था, इन सभी बातों को लेकर आरोपी ने षड्यंत्र रचा था।
२० वर्ष पूर्व उपलेटा में किया था बम विस्फोट, दो की हुई थी मौत :
प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने २० वर्ष पूर्व उपलेटा में बम विस्फोट करने की बात कबूल की है। वर्ष १९९९ में नाथाभाई का उपलेटा में पिता की जमीन के मामले में उपलेटा निवासी गिरीशभाई लखमणभाई सोजित्रा व रतिलाल जीवाभाई पदरिया के साथ झगड़ा हुआ था, जिससे दोनों की हत्या करने के लिए गिफ्ट पार्सल में विस्फोटक पदार्थ भरकर खुद ही देने गया था। बाद मे पार्सल में विस्फोट होने से गिरीश व रतिलाल की मौत हो गई थी, जबकि बटुकभाई मुराणी घायल हो गया था। इस मामले में अभी तक कोई कड़ी हाथ नहीं लगी थी, लेकिन शनिवार को नाथाभाई ने उस विस्फोट की भी बात कबूल की है।
ऐसे बनाया था बम ! :
पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी २० वर्ष पूर्व अपने मामा की इलेक्ट्रिक की दुकान पर बैठता था। उस समय उसे इलेक्ट्रिक और खेती काम करने से विस्फोटक पदार्थों की भी जानकारी होने से खुद ही पार्सल बम तैयार करता था।
बम की जांच के मामले में रेंज डीआईजी सुभाष त्रिवेदी व एसपी बलराम मीणा के मार्गदर्शन में जेतपुर पुलिस उपाधीक्षक जे. एम. भरवाड की टीम, स्थानीय अपराध शाखा (एलसीबी) के निरीक्षक जे. एम. चावड़ा, रूरल एसओजी के निरीक्षक एम. एन. राणा की टीम, पीएसआई वाय. बी. राणा की टीम व उपलेटा पुलिस सहित छह टीमें बनाई थी।
उल्लेखनीय है कि १६ अक्टूबर को श्रीकृष्ण शैक्षणिक स्कूल में पार्सल बम मिला था। पूर्व विद्यार्थी के नाम से आए पार्सल में बम होने की जानकारी स्कूल संचालक वल्लभभाई डोबरिया ने पुलिस को दी, तो जिला पुलिस अधीक्षक बलराम मीणा, बम निरोधक दस्ता, स्थानीय अपराध शाखा (एलसीबी), स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की टीम पहुंची पहुंची थी। सात से अधिक जिलेटिन के टोटा व वायरिंग व डेटोनेटर वाले इस बम को निष्क्रिय करने के लिए टीम बम को लेकर स्कूल से दूर खेत में गई और सावधानी पूर्वक बम को निष्क्रिय किया था। यह पार्सल बम १२ अक्टूबर को आया था ।