गोहिल ने कहा कि उनके लिए वाघेला के प्रति बहुत सम्मान है और वे उनके लिए आजीवन आदरणीय रहेंगे। वे बापू के लिए नकारात्मक बातें नहीं करेंगे, लेकिन कांग्रेस की जीत सत्य की जीत है।
अबडासा विधायक गोहिल ने कहा कि इस दोषारोपण में वाघेला का सिर्फ चेहरा है, लेकिन शब्द दूसरों का है। इसलिए इन आरोपों पर विचार करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने किसी तरह के कानून का उल्लंघन नहीं किया है। उन्होंने अपनी जिम्मेदारी निभाई है और वे उस पर पूरी तरह कायम हैं। गोहिल के अनुसार वाघेला तथा अन्य बागी विधायकों के साथ उनकी कोई लड़ाई नहीं है, लेकिन सच्चाई की जीत परेशानियों के बीच हुई है। पार्टी यदि नहीं कहेगी तो वे चुनाव भी नहीं लड़ेंगे। वे पार्टी की विचारधारा के प्रति समर्पित हैं। इससे पहले गोहिल के हिम्मनतगर पहुंचने पर उनका स्वागत किया गया। गोहिल के साथ प्रांतिज के विधायक महेन्द्र सिंह बारैया भी थे।
उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग ने कांग्रेस के दो बागी विधायकों-राघवजी पटेल व भोला भाई गोहेल के अपने अधिकृत एजेंट के अलावा भाजपा के एजेंट को बैलेट पेपर दिखाए जाने पर दोनों का वोट रद्द कर दिया था। इस कारण कांग्रेस प्रत्याशी अहमद पटेल को 44 मतों से जीत मिली थी।
कांग्रेस की जीत साजिश से: वाघेला
कभी कांग्रेस के हम सफर रहे शंकरसिंह वाघेला ने राज्यसभा चुनाव में अहमद पटेल की जीत पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने साजिश से दो विधायकों के वोट रद्द करा जीत हासिल की है। कांग्रेस ने सिर्फ आधे वोट से ही जीत हासिल की। वाघेला गुरुवार को गांधीनगर में संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे।
वाघेला ने चुनाव आयोग पर प्रहार करते हुए कहा कि चुनाव आयुक्त को वोट रद्द करने का अधिकार नही है। यह अधिकार सिर्फ रिटर्निंग ऑफिसर की है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि इस चुनाव से ही कांग्रेस, जनता दल (यू) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) भी दो फाड़ हुई।
उन्होंने कांग्रेस की नोटिस पर कहा कि वे 21 जुलाई को ही कांग्रेस पार्टी को छोड़ चुके हैं। पूरे देश की नजर गुजरात के राज्यसभा चुनाव पर थी, ऐसे में भाजपा और कांग्रेस दोनों के पास ही पर्याप्त विधायक थे। सिर्फ कांग्रेस ने ही चुनाव की ओर धकेला है। कांग्रेस अपने 57 विधायकों को नहीं संभाल सकी। एनसीपी के जयंत बोस्की या जेडीयू के विधायक छोटू वसावा के वोट से कांग्रेस जीती। उन्होंने कहा कि जब तक वे कांग्रेस में थे तब तक वफादारी जिम्मेदारी निभाई तब चाहे नोटबंदी हो या सर्जिकल स्ट्राइक या फिर जीएसटी हर मुद्दे का विरोध किया।