पढ़ाने के दौरान अश्लील बातें करने के आरोप पर एनआईडी प्रोफेसर बर्खास्त
अहमदाबादPublished: Nov 03, 2018 09:33:08 pm
विद्यार्थियों की शिकायत पर जांच समिति की रिपोर्ट बाद कार्रवाई…संस्थान ने स्वीकार किया इस्तीफा, प्रवेश पर भी रोक
पढ़ाने के दौरान अश्लील बातें करने पर एनआईडी प्रोफेसर बर्खास्त
अहमदाबाद. राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (एनआईडी) ने वरिष्ठ प्रोफेसर के विरुद्ध विद्यार्थियों को पढ़ाने के दौरान अश्लील बातें करने की शिकायत मिलने पर संस्थान से बाहर का रास्ता दिखा दिया। संस्थान ने प्रोफेसर के संस्थान में प्रवेश करने पर भी पाबंदी लगा दी है। साथ ही भविष्य में संस्थान के किसी भी शैक्षणिक व अन्य गतिविधि से उन्हें नहीं जोडऩे का भी निर्णय किया है।
एनआईडी की ओर से जिस वरिष्ठ प्रोफेसर पर कार्रवाई की गई है। उनका नाम कृष्णेश मेहता है। वे वर्ष १९९५ से संस्थान में कार्यरत थे। उनके विरुद्ध यह दूसरी शिकायत मिली थी। संस्थान ने उन्हें बाहर करने, संस्थान में प्रवेश पर रोक लगाने और भविष्य में किसी भी गतिविधि से उन्हें नहीं जोडऩे के फैसले की पुष्टि की है।
संस्थान की ओर से दी गई जानकारी में बताया गया है कि संस्थान के विद्यार्थियों की ओर से कृष्णेश मेहता के विरुद्ध शिकायत दी गई थी। उसमें उन पर आरोप लगाया गया था कि वे कक्षा में पढ़ाने के दौरान विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम से इतर जाकर अश्लील संबंध व व्यवहार से जुड़े संदर्भ (रिफरेंस) देते हैं। उनका व्यवहार भी उचित नहीं है।
कुछ साल पहले भी मेहता के विरुद्ध ऐसी ही शिकायत मिली थी। उस समय उन्होंने अपना अपराध कबूल करते हुए लिखित में माफी भी मांगी थी। उस समय उनका एक इन्क्रीमेंट रोकते हुए उन्हें भविष्य में ऐसा नहीं करने की चेतावनी भी दी गई थी।
दोबारा में ऐसी शिकायत मिलने पर संस्थान की ओर से इसे गंभीरता से लिया गया। इस मामले में संस्थान के बाहर के एक विशेषज्ञ को शामिल करते हुए संस्थान की यौन उत्पीडऩ मामलों की जांच करने वाली आंतरिक समिति को जांच सौंपी गई। उसकी ओर से की गई विस्तृत जांच में मेहता पर लगाए गए आरोपों में तथ्य दिखाई दिया और वो सच पाए गए। जिस पर उन्हें संस्थान ने नोटिस जारी करते हुए पूछा गया कि क्यों ना उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाए। इस नोटिस का मेहता की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। जिससे संस्थान ने आंतरिक जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर मेहता को एक महीने के वेतन के साथ नौकरी से बर्खास्त करने का फैसला किया। उन्होंने उनके इस व्यवहार पर माफी मांगते हुए संस्थान से इस्तीफा देने की पेशकश की जिसे संस्थान ने पांच अक्टूबर २०१८ को स्वीकार कर लिया।
संस्थान के निदेशक प्रद्युम्न व्यास के अनुसार मेहता के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की गई है। उनके संस्थान में प्रवेश पर रोक लगाई गई है। इसके अलावा भविष्य में वे संस्थान के किसी भी शैक्षणिक, प्रशासनिक या अन्य कार्यक्रमों में शामिल नहीं किए जाएंगे।
ज्ञात हो कि सोशल मीडिया पर छिड़े ‘मी टू’ अभियान के तहत इससे पहले शहर के एक अन्य शैक्षणिक संस्थान माइका के प्राध्यापक पर भी यौन उत्पीडऩ के आरोप लग चुके हैं।