Narmada Dam मध्यप्रदेश के मंत्री का बयान गैरजिम्मेदाराना: नितिन पटेल
अहमदाबादPublished: Jul 20, 2019 10:31:36 pm
सवाल हो तो करें संपर्क, सार्वजनिक बयानबाजी उचित नहीं
Narmada Dam मध्यप्रदेश के मंत्री का बयान गैरजिम्मेदाराना: नितिन पटेल
अहमदाबाद. गुजरात के उपमुख्यमंत्री एवं नर्मदा मंत्री नितिन पटेल ने नर्मदा के पानी के बटवारे के संदर्भ में मध्यप्रदेश के नर्मदा विकास मंत्री सुरेन्द्र सिंह बघेल की ओर से दिए गए बयान को गैर जिम्मेदाराना बताया। यदि कोई सवाल हो तो उसे लिखित में या टेलीफोन के जरिए गुजरात सरकार का संपर्क कर ध्यान दिलाना चाहिए। इस प्रकार सार्वजनिक बयानबाजी नहीं करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से आठ फरवरी २०१७ को नर्मदा बांध की ऊंचाई बढ़ाने एवं दरबाजे बंद कर उसे पूरा भरने के लिए जितने भी विस्थापितों को हटाना पड़े, उन्हें हटाने का निर्देश दिया है। चारों ही हिस्सेदार राज्यों को कोर्ट की ओर से ३१ जुलाई २०१७ तक यह काम करने को कहा गया था। ताकि बारिश के मौसम में नर्मदा बांध को पूरा भरा जा सके। म.प्र.के विस्थापितों को हटाने के लिए गुजरात सरकार की ओर से उसी समय ४०० करोड़ रुपए की राशि मध्यप्रदेश सरकार को चुका दी गई होने का दावा भी उपमुख्यमंत्री ने किया।
उन्होंने कहा कि नर्मदा बांध को १३८ मीटर तक भरने की मंजूरी नर्मदा कंट्रोल अथोरिटी की ओर से गुजरात को मिल गई है।
१५ अप्रेल २०१९ को नई दिल्ली में नर्मदा कंट्रोल अथोरिटी की ओर से गुजरात सहित मध्यप्रदेश, राजस्थान एवं महाराष्ट्र के उच्च अधिकारियों एवं केन्द्र के सिंचाई सचिव की अध्यक्षता में बैठक में निर्णय हुआ था कि नर्मदा बांध में पानी १३१ मीटर तक भरने के बाद ही हाईड्रो पावर बिजली स्टेशनों को चलाया जाएगा। यदि उससे पहले चलाया जाएगा तो भी पानी समुद्र में बह जाएगा, जिससे पानी का खर्च होगा जिससे गुजरात के नागरिकों, किसानों के हित में यह निर्णय किया गया।
उन्होने बताया कि नर्मदा बांध में २५० मेगावॉट के केनाल हेड पावर हाऊस कार्यरत हैं। जिसमें से पैदा होने वाली बिजली का ५४ प्रतिशत हिस्सा मध्यप्रदेश को दिया जा रहा है। अर्थात गुजरात नर्मदा योजना के लिए कभी राजनीति नहीं करता है। बीते ४० साल से चारों ही हिस्सेदार राज्यों की सहमति से निर्णय लिया है। काम पूरे किए हैं।
दरअसल म.प्र. के नर्मदा विकास मंत्री बघेल ने बयान दिया कि ‘जब तक गुजरात सरकार और केन्द्र सरकार नर्मदा बांध प्रभावितों के संदर्भ में निर्णय नहीं लेते हैं तब तक हम नर्मदा का पानी नहीं छोडऩे वाले हैं।