कंगना की तकदीर में मां का सुख लिखा था। इसीलिए जन्म के एक दिन बाद मां ने छोड़ा तो उसके बचपन और भविष्य को सहेजने के लिए स्वीडन से ज्होना हेलेन चिखली चली आई। मां से बिछडऩे और नई मां मिलने के बीच का करीब एक साल का समय कंगना ने चिखली के खुंद गांव के चिल्ड्रन होम में बिताया। बताया गया है कि बच्ची को दत्तक लेने वाली स्वीडन निवासी ज्होना हेलन रिसर्च फाइनेंस के व्यवसाय से जुड़ी है।
चिखली आई ज्होना
बच्ची को गोद लेने के लिए ज्होना अपनी मित्र अन्ना के साथ दो दिन पहले शनिवार को चिखली आई। ज्होना ने बच्ची को गोद लेने के लिए दिल्ली की तारा रिसोर्स एडॉप्शन एजेंसी के माध्यम से आनलाइन आवेदन किया था।
इसके बाद इस बच्ची को तीन महीने पहले ही रिजर्व कर दिया गया था। नवसारी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में दो महीने से कंगना को गोद देने का मामला चल रहा था। कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद कोर्ट ने कंगना को गोद लेने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। एक साल तक कंगना की परवरिश से जुड़े रहे लोग इस बात से खुश हैं कि अनाथ बच्ची को अब मां की ममता और दुलार मिलेगा। उनका मानना है कि समृद्ध परिवार के गोद लेने से कंगना की परवरिश बेहतर होगी और भविष्य उज्ज्वल होगा।
समारोह में सौंपी कंगना
कंगना की कस्टडी लेने आई ज्होना दो दिन तक उसके साथ चिल्ड्रन होम में ही थी। सोमवार को चिल्ड्रन होम कमेटी के चयर पर्सन एवं सदस्य, बाल सुरक्षा एकम के अधिकारी तथा दत्तक दिलाने वाली संस्था के कर्मचारियों की उपस्थिति में कार्यक्रम आयोजित कर बच्ची को सौंपा गया।