विधायकों के वेतन वृद्धि को राज्यपाल की मिली मंजूरी
-दो विधेयकों को राष्ट्रपति के पास संस्तुति के लिए भेजा गया
विधायकों के वेतन वृद्धि को राज्यपाल की मिली मंजूरी
अहमदाबाद. राज्यपाल ओ. पी. कोहली ने गुजरात के विधायकों की वेतन वृद्धि के संबंध में पारित विधेयक को मंजूरी प्रदान की। वहीं बताया जा रहा है कि दो विधेयकों को राष्ट्रपति के पास संस्तुति के लिए भेजा गया है। इनमें चेन स्नेचिंग के अपराध में दस वर्ष तक की सजा और जर्जरित मकान के रिडवलपमेंट को लेकर संशोधन विधेयक शामिल हैं। गत महीने राज्य विधानसभा में मानसून सत्र के दौरान विधायकों के वेतन सहित सात विधेयक पारित किए गए थे।
गुजरात विधानसभा के सदस्यों, अध्यक्ष व उपाध्यक्ष, मंत्रियों व विरोध पक्ष के नेता के वेतन व भत्ते संबंधी कानून (सुधार) विधेयक, 2018 को सिर्फ आधे घंटे में भाजपा, कांग्रेस सहित सभी विधायकों की सहमति से पारित किया गया था। यह विधेयक संसदीय कार्य राज्यमंत्री प्रदीपसिंह जाडेजा ने पेश किया था। राजनीति में विभिन्न मुद्दों पर भारी विरोध के बावजूद वेत्तन बढ़ोतरी को लेकर किसी भी विपक्षी विधायकों ने कोई विरोध नहीं किया था। इस विधेयक को लेकर चहुंओर आलोचना की गई थी। विधेयक की मंजूरी के बाद अब राज्य के विधायकों का वेतन-भत्ता बढ़ जाएगा। विधायकों का वेतन 70,727 से बढक़र 1,16,316 हो जाएगा।
वहीं स्पीकर, डिप्टी स्पीकर, विपक्ष के नेता का 25 फीसदी ज्यादा होगा जो 86,804 से बढक़र 1,32,395 रुपए हो जाएगा। इस तरह गुजरात के विधायकों का वेतन-भत्ता 41 से 45 हजार रुपए तक बढ़ा दिया गया है।
अब विधायकों को राज्य सरकार के उप सचिव के बजाय नायब सचिव स्तर के वर्ग-1 के अधिकारियों के समकक्ष मूल वेतन मिलेगा। विधायकों के वेतन में 13 वर्ष बाद वृद्धि की गई। इस तरह विधायकों को 13 वर्ष बाद बढ़ा वेतन-भत्ता मिलेगा।
राज्यपाल ने विधानसभा में पारित गुजरात बायोटेक्नोलोजी यूनिवर्सिटी विधेयक, गुजरात माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक शिक्षा संशोधन विधेयक, नगरपालिकाओं में निदेशक की जगह आयुक्तों की नियुक्ति वाले गुजरात नगरपालिका संशोधन विधेयक के साथ-साथ गुजरात जीएसटी संशोधन विधेयक -2018 को मंजूरी दी।
इसके अलावा पुराने-जर्जरित फ्लैटों के रिडॅवलपमेंट के लिए 75 फीसदी मालिकों की मंजूरी वाले गुजरात ऑनरशिप फ्लैट संशोधन विधेयक तथा चेन स्नेचिंग का प्रयास करने वाले को दस वर्ष तक की कैद के प्रावधान वाले आपराधिक कानून गुजरात संशोधन विधेयक को संस्तुति के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा गया है।