इस प्रोजेक्ट का खर्च एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा है। इसके लिए 80 फीसदी से ज्यादा की मदद जापान सरकार कर रही है। इससे प्रधानमंत्री मोदी के मेक इन इंडिया अभियान को और तेजी मिलेगी। इस प्रोजेक्ट का ज्यादातर रकम भारत में खर्च या निवेश की जाएगी। इससे 20 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके तहत वडोदरा में हाई स्पीड रेल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट स्थापित की जाएगी जो पूर्णत: साधनों और सुविधाओं से सुसज्जित होगी।
उल्लेखनीय है कि मोदी गत वर्ष नवम्बर महीने में जब जापान दौरे पर गए थे तब उन्होंने अहमदाबाद-मुबंई बुलेट ट्रेन के सपने को साकार करने के लिए जापानी प्रधानमंत्री के साथ शिंकान्सेन हाई स्पीड रेलवे में टोकियो से कोबे तक का सफर किया था। साथ ही कावासाकी के बुलेट ट्रेन के प्लांट का भी दौरा किया था।
विलम्ब की दर एक मिनट से भी कम
इस बुलेट ट्रेन की तकनीक काफी एडवांस है। उच्चस्तरीय सुरक्षा मानदंडों के साथ 50 वर्ष के इतिहास में शिंकान्सेस तकनीक के तहत इस ट्रेन के विलम्ब होने का वार्षिक दर एक मिनट से भी कम है। इतना ही नहीं दुर्घटना या अन्य कारणों से यात्री की मृत्यु दर शून्य है। यह तकनीक आपदा रोधी प्रणाली से लैस है जिससे भूकंप व प्राकृतिक आपदा को सह सकती है।
दस कोचों में 750 यात्रियों की क्षमता
बुलेट ट्रेन की ऑपरेटिंग गति 320 किलोमीटर प्रति घंटे होगी और अधिकतम गति 350 किलोमीटर प्रति घंटे होगी। यह ट्रेन 92 फीसदी हिस्से एलीवेटेड होगी, छह फीसदी टनल और दो फीसदी जमीन पर दौड़ेगी। शुरुआती दौर में 10 कार बुलेट ट्रेन प्रस्तावित हैं, जिसकी क्षमता 750 यात्रियों की होगी। बाद में 16 कार बुलेट ट्रेन लगाने का प्रस्ताव हैं, जिसमें 1250 यात्रियों की बैठने की क्षमता होगी।
इको फ्रैण्डली ट्रेन
यह इको फ्रैण्डली ट्रेन है। इसमे प्रत्येक किलोमीटर हवाई जहाज की अपेक्षा चौथे हिस्से तथा मोटरकार की अपेक्षा २/७ हिस्सा का कार्बन डाइऑक्साइड बाहर फेंकेगा। वहीं प्रति किलोमीटर हवाई जहाज के मुकाबले तिहाई हिस्सा व मोटरकार की अपेक्षा पांचवें हिस्से की ऊर्जा खपत करेगा। बुलेट ट्रेन अहमदाबाद-मुंबई के बीच 508 किलोमीटर दौरे तक दौड़ेगी। इन रूट पर बारह स्टेशन होंगे। यह सफर दो घंटे 58 मिनट में तय होगा। यह ट्रेन सात किलोमीटर समुद्री सुरंग से भी गुजरेगी।
बुलेट ट्रेन, मैन्युफैक्चरिंग इंस्टीट्यूट सहित ५ लाख करोड़ से ज्यादा के कई करार लेकर जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे अहमदाबाद आ रहे हैं। गुजरात व देश के विकास की आस लेकर पीएम नरेन्द्र मोदी उनकी अगुवानी करेंगे। इसके साथ ही विकास का नया अध्याय शुरू होगा। इसी उम्मीद के साथ दो प्रधानमंत्री के सम्मान में पूरे शहर को दुल्हन की तरह सजाया गया है। ऐसा लग रहा है मानो कुबेर स्वयं खजाना लेकर गुजरात आएंगे।