तीन करोड़ की चरस बरामदगी मामले का आरोपी शोपियां से गिरफ्तार
अहमदाबादPublished: Dec 12, 2018 09:55:32 pm
क्राइम ब्रांच की टीम ने मूल सप्लायर को शोपिया से पकड़ा, सितंबर में म.प्र. व राजस्थान से आने वाली ट्रैवल्स बसों से जब्त की थी 22 किलो चरस, महिला व युवक गए थे पकड़े
तीन करोड़ की चरस बरामदगी मामले का आरोपी शोपियां से गिरफ्तार
अहमदाबाद. अहमदाबाद शहर क्राइम ब्रांच ने सितंबर महीने में शहर से पकड़ी गई तीन करोड़ रुपए कीमत की 22 किलो चरस के मामले में वांछित आरोपी मोहम्मद अशरफ गुलामरसूल रेशी को जम्मू एवं कश्मीर के शोपिया जिले के मलहूरा गांव के अस्तान मोहल्ला से गिरफ्तार किया है।
मोहम्मद अशरफ पर 24 सितंबर २०१८ को अहमदाबाद क्राइम ब्रांच की ओर से तीन करोड़ की 22 किलोग्राम चरस के साथ गिरफ्तार शाइना और कैलाश लबाना को चरस की डिलिवरी देने का आरोप है। इसकी गिरफ्तारी से गुजरात में चरस पहुंचाने वाले नेटवर्क को तोडऩे में मदद मिलेगी।
क्राइम ब्रांच ने म.प्र. के नीमच व राजस्थान के उदयपुर से होते हुए आने वाली ट्रैवल्स बसों से चरस की हेराफेरी का खुलासा करते हुए राजस्थान के चित्तौडग़ढ़ जिले की डुंगला तहसील के चिकारडा गांव निवासी शाइना उर्फ काली छीपा (३०) और कैलाश उदयराम लबाना (33) को गिरफ्तार किया था। कैलाश राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के ढलमू-मानपुरा गांव का रहने वाला है। महिला को श्रीनाथ ट्रैवल्स की उदयपुर से आने वाली बस से इंदिरा ब्रिज सर्कल के पास पकड़ा। उसके पास बैग से 12 किलोग्राम ६८४ ग्राम चरस बरामद हुई। जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत एक करोड़ ९० लाख २७ हजार रुपए है। वहीं दूसरी ओर मध्यप्रदेश के नीमच जिले से आने वाली अजय ट्रैवल्स की बस को चिलोडा सर्कल पर रोककर जांच की तो उसमें से कैलाश लबाना के पास बैग से नौ २५१ ग्राम चरस बरामद हुई थी।
शाइना ने कबूल किया था कि वह इस चरस को जम्मू एवं कश्मीर के अनंतनाग जिले के रहने वाले अशरफ नाम के युवक के पास से लेकर आती है। जिससे इस मामले में अशरफ का नाम सामने आया था और उसकी क्राइम ब्रांच को तलाश थी। शाइना तीन सालों से चरस की हेराफेरी करती है और उसने १० से 12 बार राजस्थान से गुजरात में विशेषकर जूनागढ़ में चरस पहुंचाई। वह इससे पहले गुजरात में चरस के साथ पकड़ी गई नसीमबानू की संबंधी है। नसीमबानू की गिरफ्तारी और फिर जेल से छूटने के बाद उसने धंधा बंद कर दिया, लेकिन उसके संपर्क के जरिए इसने शुरू कर दिया। इसी के संपर्क में आकर करीब एक साल से कैलास लबाना ने चरस तस्करी शुरू की थी। एक बार चरस पहुंचाने के लिए शाइना और लबाना को ३०-३० हजार रुपए मिलते होने की बात दोनों ने कबूल की थी।