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Compressed Bio Gas सीजीडी में सीएनजी, पीएनजी का विकल्प हो सकती है कम्प्रेस्ड बायो गैस

locationअहमदाबादPublished: Jul 21, 2019 05:09:16 pm

जीईआरएमआई (जेरमी) में शोध, प्रारंभिक रिपोर्ट सकारात्मक
 

GERMI

Compressed Bio Gas सीजीडी में सीएनजी, पीएनजी का विकल्प हो सकती है कम्प्रेस्ड बायो गैस

नगेन्द्र सिंह

अहमदाबाद. देश के सिटी गैस डिस्ट्रिब्यूशन (सीजीडी) सेक्टर में कम्प्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी), पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) की कमी की स्थिति में कम्प्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) एक विकल्प हो सकता है। इसको लेकर गुजरात एनर्जी रिसर्च एंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट (जेरमी) में शोध की जा रही है, जिसकी प्रारंभिक रिपोर्ट में सकारात्मक परिणाम मिले हैं। कम्प्रेस्ड बायो गैस कीमत के लिहाज से भी सीएनजी की तुलना में सस्ती हो सकती है।
जेरमी के महानिदेशक प्रो.अनिरबिद सिरकार के मार्गदर्शन में कीर्ति यादव के नेतृत्व में एक टीम ने इस पर रिसर्च किया है। जिसमें उन्होंने पाया कि कम्प्रेस्ड बायो गैस को भी सीजीडी के क्षेत्र में उपयोग में लिया जा सकता है और यह सीएनजी और पीएनजी का अच्छा विकल्प बन सकती है। इतना ही नहीं कम्प्रेस्ड बायो गैस के जरिए हल्के और मध्यम वाहनों को भी चलाया जा सकता है। यह इंडस्ट्रियल उपयोग में भी मददगार साबित हो सकती है।
जेरमी की ओर से सीबीजी का तकनीकी और कॉमॢशयल मॉडल पर भी विश्लेषण किया गया, जिसमें पाया कि इसे ४१ रुपए प्रति किलो की कीमत पर बाजार में उपलब्ध कराया जा सकता है। जिसकी कीमत सीएनजी की तुलना में सात से आठ रुपए प्रति किलोग्राम कम होगी। कुछ गैस वितरण कंपनियों ने भी सीएनजी, पीएनजी के विकल्प के तौर पर कम्प्रेस्ड बायो गैस को अपनाने में रुचि दिखाई है।
२०२९ तक २.४० करोड़ सीएनजी वाहनों का अनुमान
भारत में वर्ष २०२९ तक १० हजार सीएनजी स्टेशन और २.५० करोड़ सीएनजी वाहन होने का अनुमान है। इसके अलावा देश में सौ स्मार्ट सिटी विकसित हो रहे हैं। जिसे देखते हुए सीजीडी क्षेत्र और सीएनजी-पीएनजी की मांग बढ़ेगी। जिसे पूरा करने के लिए फिलहाल स्थिति दिखाई नहीं देती। ऐसे में सीबीजी का उपयोग मददरूप हो सकता है।
सीबीजी में सीएनजी, पीएनजी का विकल्प बनने की क्षमता
ऐसे में सीएनजी, पीएनजी का बेहतर विकल्प सीबीजी बन सकता है, क्योंकि सीबीजी को गोबर, नगरपालिका, महानगर पालिका का घनकचरे, गन्ने का वेस्ट एवं कृषि वेस्ट से बायोगैस को उत्पादित करके उसे कम्प्रेस्ड कर सीजीडी में उपयोग में लाने लायक बनाया जा सकता है। उसके लिए बायोगैस में मीथेन की ९० फीसदी उपस्थिति और उसकी केलोफैरिक वेल्यू नेचुरल गैस के बराबर होनी चाहिए। जिससे कम्प्रेस्ड बायो गैस के प्लांट को फिलहाल सीजीडी के नेटवर्क वाले स्थानों के पास ही लगाना हितावह है। इस सेक्टर में जर्मनी में सबसे ज्यादा काम हुआ है। भारत में संभावनाएं काफी हैं।
-प्रो.अनिरबिद सिरकार, डीजी, जीईआरएमआई
Anirbid Sircar DG GERMI
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