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अहमदाबाद

राज्य की माध्यमिक स्कूलों की मंजूरी में भ्रष्टाचार !

कांग्रेस ने लगाया आरोप

अहमदाबादOct 20, 2018 / 09:48 pm

Pushpendra Rajput

manish doshi

राज्य की माध्यमिक स्कूलों की मंजूरी में भ्रष्टाचार !

अहमदाबाद. राज्य की नई माध्यमिक स्कूलों की मंजूरी में नियमों को ताक पर रखकर 10 से 50 लाख रुपए तक लेनदेन होता है। कहीं न कहीं स्कूलों की मंजूरी में बड़े भ्रष्टाचार हो रहा है। पिछले पन्द्रह वर्षों में करोड़ों रुपयों का लेनदेन हुआ है, जिसकी गुजरात हाइकोर्ट के सीटिंग जज की देखरेख में न्यायिक जांच होनी चाहिए। गुजरात प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रवक्ता डॉ. मनीष दोशी ने यह आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि राज्य में 14 हजार 562 स्कूलें हैं जहां एक क्लास में एक से ज्यादा कक्षाओं के विद्यार्थियों को बिठाया जाता है। भाजपा सरकार शासन काल में राज्य में 31 जिलों में खेलकूद मैदान की सुविधा के बगैर ही 6921 स्कूलें चलाई जा रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि गुजरात में पिछले पन्द्रह वर्षों में सरकारी और अनुदानित स्कूलों के ढांचे को खत्म करने के लिए निजी स्कूलों को बड़े पैमाने पर स्वीकृति दी जा रही है। राज्य में स्कूलों की मंजूरी के लिए गुजरात प्राथमिक शिक्षा विनियम-1974 अमल हैं, जिसमें नई स्कूल प्रारंभ करने के लिए नियमों का प्रावधान हैं, लेकिन पिछले पन्द्रह वर्षों से सरकार ने नियमों को ताक पर रखकर शोपिंग सेन्टर एक ही स्थान पर चार स्कूलों को मंजूरी दे दी। जहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव होने के बावजूद शपथपत्र के नाम पर लाखों रुपए लेकर मंजूरी दी जाती है।
‘स्वीमिंग पूलों का निजीकरण करने का निर्णय उचित नहींÓ
अहमदाबाद महानगरपालिका के उस्मानपुरा पश्चिम जोनल कार्यालय में शनिवार दोपहर महानगरपालिका आयुक्त की अध्यक्षता में विधायकों और सांसदों की बैठक आयोजित हुई, जिसमें ग्यासुद्दीन शेख ने कई मुद्दे रखे। बैठक में ग्यासुद्दीन शेख ने आरोप लगाया कि सिर्फ तीन करोड़ रुपए का घाटा बताकर 14 सौ करोड़ रुपए का स्वीमिंग पूल अपने चहेतों को सौंपने की कवायद चल रही है। स्वीमिंग पूलों का निजीकरण करना उचित नहीं है। विधायक इमरान खेड़ावाला ने कहा कि शहर में बीमारियां बढ़ रही हैं। अस्पतालों में उपचार लेने वाले मरीजों और मृतकों के आंकड़े छिपाए जाते हैं। शहर में स्वच्छता बनाए रखने और स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियों पर लगाम लगाना चाहिए। खेड़ावाला ने स्वीमिंग पूलों का जननिजी भागीदारी से चहेतों को सौंपने का विरोध किया है।
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