script34 वर्ष पुराने आरक्षण विरोधी आंदोलन: कांस्टेबल हत्या मामले में भाजपा पार्षद सहित पांच बरी | Anti reservation riots: Five acquitted in 1985 Constable murder case | Patrika News

34 वर्ष पुराने आरक्षण विरोधी आंदोलन: कांस्टेबल हत्या मामले में भाजपा पार्षद सहित पांच बरी

locationअहमदाबादPublished: Feb 12, 2019 10:56:28 pm

Submitted by:

Uday Kumar Patel

-गुजरात के पूर्व मंत्री अशोक भट्ट व पूर्व सांसद हरिन पाठक पहले ही हो चुके डिस्चार्ज

Constable murder case, Gujarat

34 वर्ष पुराने आरक्षण विरोधी आंदोलन: कांस्टेबल हत्या मामले में भाजपा पार्षद सहित पांच बरी

अहमदाबाद. वर्ष 1985 में आरक्षण विरोधी आंदोलन के दौरान पुलिस कांस्टेबल की हत्या के मामले में शहर सत्र अदालत ने भाजपा पार्षद मयूर दवे सहित पांच जनों को बरी कर दिया। इसी मामले में राज्य के पूर्व मंत्री दिवंगत अशोक भट्ट व पूर्व सांसद हरिन पाठक को अदालत ने आरोप मुक्त कर दिया था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ए. आर. पटेल ने 34 वर्ष पुराने इस मामले में सबूतों के अभाव में सभी को बरी कर दिया। प्राथमिकी दर्ज कराने वाले शिकायतकर्ता पुलिस अधिकारी अदालत में किसी आरोपी को नहीं पहचान सका। अन्य गवाह भी अभियोजन पक्ष के मामले को सही तरह से मदद नहीं कर पाए।
मामले के अनुसार वर्ष 1985 में आरक्षण विरोधी आंदोलन के दौरान अहमदाबाद शहर के खाडिया इलाके में पुलिस कांस्टेबल लक्ष्मण देसाई की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में सात लोगों को आरोपी बनाया गया था। इनमें भाजपा के पूर्व मंत्री अशोक भट्ट, पूर्व सांसद हरिन पाठक, भाजपा पार्षद मयूर दवे, विजय शाह, किरण शाह, ध्रुव व्यास और मधुकर व्यास शामिल थे। इसी मामले में अशोक भट्ट व हरिन पाठक को अदालत ने आरोप मुक्त कर दिया था।
इस मामले के मुकदमे में काफी देरी हुई क्योंकि यह मामला निचली अदालत से होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। मृतक कांस्टेबल की पत्नी ने इस मामले की उचित जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी। साथ ही भट्ट व पाठक की आरोप मुक्ति को भी चुनौती दी गई थी। इस मामले में मुकदमे में कई वर्षों तक रोक लगी रही।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो