एमएसएमई सेक्टर में ज्यादा सबसे ज्यादा प्रोजेक्ट ड्रॉप आउट एमएसएमई सेक्टर को लेकर बताया जा रहा है। प्रोजेक्ट के ड्रॉप किए जाने का कारण सरकारी स्तर पर विभिन्न तरह की मंजूरियों में विलंब और कंपनियों की ओर से पूंजीनिवेश की अनिच्छा मुख्य है। सूत्रों की मानें तो इस ड्रॉप रेट की संख्या में जनवरी तक वृद्धि हो सकती है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने इस बार एमएसएमई के उद्योगों के प्रोजेक्ट के अमलीकरण के लिए विशेष सेल का गठन किया है।
दूसरी ओर वैश्विक मंदी के साए की आशंका के दौरान 9वें वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन की ब्रांडिंग -शोकेसिंग को लेकर भी कशमकश जारी है। आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए राज्य में नए-नए प्रोजेक्ट लाने का दवाब अधिकारियों पर है, लेकिन विदेश दौरे, रोड-शो के बाद ही इस बारे में सही तस्वीर उभर कर सामने आ सकेगी।
दूसरी ओर वैश्विक मंदी के साए की आशंका के दौरान 9वें वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन की ब्रांडिंग -शोकेसिंग को लेकर भी कशमकश जारी है। आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए राज्य में नए-नए प्रोजेक्ट लाने का दवाब अधिकारियों पर है, लेकिन विदेश दौरे, रोड-शो के बाद ही इस बारे में सही तस्वीर उभर कर सामने आ सकेगी।
सीएम खुद करेंगे समीक्षा राज्य सरकार के उद्योग विभाग की ओर से आयोजित गत चार वाइब्रेंट सम्मेलनों के दौरान ड्रॉप प्रोजेक्ट को लेकर समीक्षा सीएम खुद करेंगे। इसके लिए प्रत्येक महीने मुख्यमंत्री स्तर पर विशेष बैठक आयोजित की जानी है। इसमें मुख्य सचिव डॉ. जे. एन. सिंह प्रत्येक जिले में प्रोजेक्ट की स्थिति की स्पष्ट तस्वीर प्राप्त करने का प्रयास करेंगे। इसके लिए अधिकारी जिला स्तर से प्रोजेक्ट का स्टेटस प्राप्त कर प्रोजेक्ट के अमलीकरण में आने वाली परेशानियों को लेकर रिपोर्ट भी तैयार करने में लगे हैं।
मोदी करेंगे उद्घाटन, आएंगे 152 देशों के प्रतिनिधि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गांधीनगर के महात्मा मंदिर में आयोजित होने वाले 9वें वैश्विक वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। वर्ष 2003 में गुजरात के मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान आरंभ किया गया यह सम्मेलन को मोदी का ब्रेन चाइल्ड माना जाता है। इस सम्मेलन में दुनिया के 152 देशों के प्रतिनिधियों को बुलाए जाने की योजना है। राज्य सरकार की ओर से इन देशों के राजदूतों के समक्ष बीते आठों वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन की उपलब्धियों व भागीदारी की जानकारी दी जा चुकी है।