टीटीजेड ने लाया सड़क पर उदयभान सिंह संघर्ष के दिनों की चर्चा करते हुए बताते हैं कि उनका किसान ब्रिक फील्ड के नाम से ईंट भट्टा व्यापार था। वह अखिल भारतीय ईंट भट्ठा महासंघ के अध्यक्ष भी बने। इसी बीच ताज ट्रिपेजियम जोन के नियमों के चलते भट्टों पर रोक लगा दी गई। इसके बाद उदयभान सिंह का व्यापार पूरी तरह डूब गया। यह उनके जीवन का सबसे कठिन समय था। इसके बाद एक बार दीपावली मनाने के लिए उनके बेटों ने कुछ मिठाइयां खरीदीं और बेचीं। इसमें कुछ रुपए बचे जिससे त्यौहार मनाया गया। इसके बाद उन्होंने दूध का काम शुरू किया। मिठाई और दूध का काम उनका धीमे-धीमे चल निकला और उनका रेस्टोरेंट और मिठाई की दुकान का व्यापार स्थापित हो गया।
यह भी पढ़ें– योगी मंत्रिमंडल विस्तार में आगरा को मिले दो राज्यमंत्री राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में लगातार रहे सक्रिय संघर्ष के बाद भी उदयभान सिंह राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के निर्देशानुसार 1991 में सक्रिय राजनीति में पर्दापण किया। 1993 में दयालबाग विधानसभा क्षेत्र में 57000 मत प्राप्त करते हुए जीत दर्ज की। भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता होने के नाते उन्हें हस्तिनापुर उपचुनाव में प्रभारी बनाकर भेजा गया और उनके नेतृत्व में भाजपा प्रत्याशी की विजयश्री प्राप्त हुई। आगरा जिले का भाजपा जिलाध्यक्ष पद सौंपा गया। 2014 का लोकसभा चुनाव फतेहपुर सीकरी से लड़ने की तैयारी की। पार्टी ने ही उन्हें इसकी अनुमति दी थी। इसके लिए खेरागढ़, फतेहाबाद, बाह, फतेहपुर सीकरी और आगरा ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में पदयात्राएं कीं। उन्हें टिकट नहीं मिला। 2016 में भारतीय जनता पार्टी ने फतेहपुर सीकरी विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया। शानदार जीत हासिल की।