बता दें कि मंगलवार रात को सेप्टिक टैंक की सफाई करते समय उसमें गैस बन गई थी। मजदूरों को बचाने के चलते सेप्टिक टैंक का एक हिस्सा धंस गया और पिता पुत्र टैंक में गिर गए। इस घटनाक्रम में पुलिस और फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने हिम्मत दिखाते हुए सभी को बाहर निकाला लेकिन, इनमें से तीन की हालत गंभीर होने के चलते आगरा रेफर किया गया। जहां तीन की मौत हो गई। बुधवार सुबह परिजनों ने मुआवजे की मांग को लेकर और डिप्टी सीएम को मौके पर आने की मांग को लेकर धरना देना शुरू कर दिया। परिजनों ने एलान कर दिया कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएंगी, तब तक शवों का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। इस दौरान पूरा बाजार बंद रहा।
जाम की सूचना मिलते ही सांसद प्रतिनिधि टीकम सिंह तोमर, पूर्व विधायक धर्मपाल सिंह और सपा नेता दिनेश यादव सहित एसडीएम एत्मादपुर अभिषेक सिंह, सीओ एत्मादपुर अतुल सोनकर, तहसीलदार सहित कई थानों के फोर्स मौके पर पहुंचा। सभी ने परिजनों को मनाने की कोशिश की लेकिन, परिजन मांगों पर अड़े रहे। आठ घंटे जाम लगाने की सूचना मिलते ही विधायक रामप्रताप सिंह और सांसद कठेरिया भी पहुंचे लेकिन, कोई फायदा नहीं हुआ। तब जाकर जनप्रतिनिधियों ने मृतकों के परिजनों को दस लाख रुपये मुआवजा और ग्राम सभा की जमीन का आश्वासन दिया। वहीं घायलों का मुफ्त इलाज का आश्वासन दिया। तब परिजनों ने धरना समाप्त किया। परिजन शवों को अंतिम संस्कार के लिए ले गए।