केन्द्रीय मंत्री सुरेश प्रभु करेंगे 26 अक्टूबर को उद्घाटन
सेंटर से ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा- पूरन डावर
puran dawar
आगरा। जूता व्यवसायियों के प्रयास सफलीभूत हुए। केन्द्र सरकार की मदद से आगरा ट्रेड सेन्टर बनकर तैयार है। इस पर 22 करोड़ रुपये की लागत आई है। आगरा-दिल्ली हाईवे पर गांव सींगना के निकट आगरा ट्रेड सेन्टर बनाया गया है। इसमें जूता डिजायनिंग और टेस्टिंग लैब भी है। इसमें कार्यक्रम भी होंगे। स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। इसका उद्घाटन 26 अक्टूबर को केन्द्रय मंत्री सुरेश प्रभु करेंगे।
गांव सींगना में बना है यह जानकारी आगरा फुटवियर मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स (एफमैक) के अध्यक्ष पूरन डावर ने शुक्रवार को आगरा ट्रेड सेन्टर पर आयोजित प्रेसवार्ता में दी। पूरन डावर ने बताया कि एनएच 2 स्थित गांव सींगना में आगरा ट्रेड सेंटर का निर्माण कराए जाने का मुख्य कारण था कि गांव के लोगों को भी फुटवियर के बारे में जानकारी प्रदान हो सके। आगरा ट्रेड सेंटर लगभग पांच एकड़ में फैला हुआ है। इसके एक़ के भाग में प्रदर्शनी, एक भाग में टेस्टिंग और डिजायनिंग लैब को तैयार किया गया है। अध्यक्ष पूरन डावर ने बताया कि आगरा ट्रेड सेंटर के निर्माण में 22 करोड़ रुपये का व्यय आया है। 80 प्रतिशत केन्द्र सरकार तथा 20 प्रतिशत एफमैक ने पैसा लगाया है।
मीट एट आगरा यहीं पर होगा उन्होंने बताया कि ‘मीट एट आगरा’ तारघर मैदान में कराया जाता था। इस साल से आगरा ट्रेड सेंटर में कराया जाएगा। 12वें मीट एट आगरा का आयोजन 26 अक्तूबर से 28 अक्तूबर, 2018 तक आगरा ट्रेड सेंटर में किया जाएगा।
मीट एट आगरा से विदेशी धरती पर परचम एफमैक के सदस्य जितेन्द्र त्रिलोकानी ने बताया कि गांव में आगरा ट्रेड सेंटर का निर्माण कराये जाने का मुख्य उद्देश्य गांव के लोगों को रोजगार देना है। एफमैक के बैनर तले हर साल मीट एट आगरा का आयोजन किया जाता है। जिसके माध्यम से आगरा का विदेशी धरती पर भी परचम फहरा है। इस दौरान कैप्टन राणा, शाहरू मोहसिन, हरीश चिम्टी, अशोक अरोड़ा आदि मौजूद थे।
ट्रेड सेन्टर तक पहुंचना मुश्किल यहां यह बताना भी समीचीन होगा कि आगरा ट्रेड सेंटर को ढूंढना बहुत मुश्किल काम है। सेन्टर तक ले जाने के लिए एफमैक ने बस की व्यवस्था की थी। जो पत्रकार अपने साधन से गए, उनमें से अधिकांश लौट आए। उन्हें हाईवे से आगरा ट्रेड सेंटर कहीं दिखाई नहीं दिया। आगरा से 21 किलोमीटर तक जाने के बाद भी ट्रेड सेन्टर का अता-पता नहीं चला। यही कारण था कि एफमैक की प्रेसवार्ता में 50-60 पत्रकार रहते हैं, लेकिन इस बार 15 पत्रकार ही पहुंच सके। गूगल मैप का सहारा लिया तो वह मथुरा की ओर ले गया।