यहां का है मामला
ताजगंज के गांव धांधूपुरा की रहने वाली शशिपत्नी अजेन्द्र ने फंदे पर लटकर आत्महत्या कर लली।परिजनों ने उसका शव घर की रसोई में फांसी फंदे से लटका देखा तो उनके होश उड़ गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया, जहां से पुलिस को चार पेज का सुसाइड नोट बरामद हुआ। इस सुसाइड नोट में शशि ने अपनी मौत का जिम्मेदार अपने माता-पिता, भाई, बहन, देवर और देवरानी को ठहराया है।
ताजगंज के गांव धांधूपुरा की रहने वाली शशिपत्नी अजेन्द्र ने फंदे पर लटकर आत्महत्या कर लली।परिजनों ने उसका शव घर की रसोई में फांसी फंदे से लटका देखा तो उनके होश उड़ गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया, जहां से पुलिस को चार पेज का सुसाइड नोट बरामद हुआ। इस सुसाइड नोट में शशि ने अपनी मौत का जिम्मेदार अपने माता-पिता, भाई, बहन, देवर और देवरानी को ठहराया है।
खरीदा था मोबाइल
शशि के दो बच्चे 16 साल का अमन और 14 साल की उन्नति है। चार महीने पहले शशि के भाई योगेश ने 65 हजार रुपये कीमत का मोबाइल लोन पर खरीदा था। लोन शशि के पति वीरेंद्र के नाम पर था। उन्हें ब्याज सहित 80 हजार रुपये हर महीने 3300 रुपये की ईएमआई देकर चुकाने थे। बहन को योगेश ने विश्वास दिलाया था कि वो समय पर ईएमआई अदा कर देगा। दो महीने तो उसने ईएमआई अदा की। इसके बाद ईएमआई अदा नहीं की। फाइनेंस कंपनी से फोन आने पर वीरेंद्र को पता चला। इस पर योगेश से बात की। पहले तो वह आनाकानी करने लगा।
शशि के दो बच्चे 16 साल का अमन और 14 साल की उन्नति है। चार महीने पहले शशि के भाई योगेश ने 65 हजार रुपये कीमत का मोबाइल लोन पर खरीदा था। लोन शशि के पति वीरेंद्र के नाम पर था। उन्हें ब्याज सहित 80 हजार रुपये हर महीने 3300 रुपये की ईएमआई देकर चुकाने थे। बहन को योगेश ने विश्वास दिलाया था कि वो समय पर ईएमआई अदा कर देगा। दो महीने तो उसने ईएमआई अदा की। इसके बाद ईएमआई अदा नहीं की। फाइनेंस कंपनी से फोन आने पर वीरेंद्र को पता चला। इस पर योगेश से बात की। पहले तो वह आनाकानी करने लगा।
इसलिए उठाया आत्मघाती कदम
बताया गया है कि शशि ने अपने भाई से फोन पर बात की। शशि से योगेश ने लोन अदा करने से इंकार कर दिया। इससे शशि तनाव में आ गई, जिसके बाद उसने किचिन में पंखे पर दुपट्टे से फंदा बनाकर फांसी लगा ली। मरने से पहले शशि ने चार पन्नों का सुसाइड नोट लिखा।
बताया गया है कि शशि ने अपने भाई से फोन पर बात की। शशि से योगेश ने लोन अदा करने से इंकार कर दिया। इससे शशि तनाव में आ गई, जिसके बाद उसने किचिन में पंखे पर दुपट्टे से फंदा बनाकर फांसी लगा ली। मरने से पहले शशि ने चार पन्नों का सुसाइड नोट लिखा।
सुसाइड नोट में लिखी ये बात
महिला ने सुसाइट नोट में लिखा है कि मोदी जी क्या अच्छे दिन आए हैं। लोन लेने के लिए हम जैसे लोगों को कितनी मेहनत करनी पड़ती है। आपने ट्रेनिंग सेंटर खोले। मैंने भी खंदौली से 800 रुपये देकर ट्रेनिंग ली थी। कोर्स के बाद सर्टिफिकेट मिलेगा, जिससे लोन मिल जाएगा, लेकिन वहां से कुछ भी नहीं हुआ। हम जैसे लोगों को कोई लोन नहीं देता है। अब जाकर जैसे तैसे लोन मिला। दुकान खोली तो अपने आ गए छीनने के लिए।
महिला ने सुसाइट नोट में लिखा है कि मोदी जी क्या अच्छे दिन आए हैं। लोन लेने के लिए हम जैसे लोगों को कितनी मेहनत करनी पड़ती है। आपने ट्रेनिंग सेंटर खोले। मैंने भी खंदौली से 800 रुपये देकर ट्रेनिंग ली थी। कोर्स के बाद सर्टिफिकेट मिलेगा, जिससे लोन मिल जाएगा, लेकिन वहां से कुछ भी नहीं हुआ। हम जैसे लोगों को कोई लोन नहीं देता है। अब जाकर जैसे तैसे लोन मिला। दुकान खोली तो अपने आ गए छीनने के लिए।