एसएन के अधिकारी और पुलिस अधिकारियों की कई बार बैठक हो चुकी है लेकिन, मामला शांत नहीं हुआ है। बता दें कि दिल्ली गेट स्थित होटल अशोका में बर्ड डे पार्टी रखी गई थी। देर रात जूनियर डॉक्टरों का होटल के स्टाफ से किसी बात पर विवाद हो गया। इस पर उन्होंने तोड़फोड़ शुरू कर दी और स्टाफ से मारपीट की। होटलकर्मियों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने पांच जूनियर डॉक्टरों को हिरासत में ले लिया। इससे उनके साथी आक्रोशित हो गए। उनका कहना था कि होटल के स्टॉफ ने उनसे अभद्रता की और होटल में तोड़फोड़ भी उन्होंने ही की है। साथियों को हिरासत में लेने की जानकारी पर दर्जनों जूनियर डॉक्टर एसएन इमरजेंसी पर जुट गए। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाएं ठप कर एमजी रोड पर जाम लगा हंगामा शुरू कर दिया। सूचना पर इमरजेंसी समेत मेडिकल कॉलेज में बड़ी संख्या में फोर्स तैनात कर दिया। डॉक्टरों को लाठी से खदेड़ा, इमरजेंसी ठप कर जाम लगाते डॉक्टरों को पुलिस ने आधी रात लाठियां फटकार कर खदेड़ दिया। स्वॉट टीम को भी इमरजेंसी में बुला लिया गया था। पुलिसकर्मियों को भी चोट आई है। हंगामा और सेवाएं ठप होने से तीमारदार भी दहशतजदा रहे। इसके चलते देर रात यहां आए कई मरीजों को लौटाना पड़ा।
पुलिस ने तोड़फोड़ और मारपीट के मामले में थाना हरीपर्वत में 9 नामजद और 30 से 40 अज्ञात डॉक्टरों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा लिखा है। जूनियर डॉक्टरों पर धारा 147, 149, 323, 504, 427, 452, आईपीसी 7 क्रिमिनल एक्ट भी लगाया गया है।
एसएन इमरजेंसी में सभी सेवाएं ठप होने से मरीज भी परेशान होने लगे हैं। मरीज इमरजेंसी छोड़कर प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने को मजबूर हो रहे हैं। वहीं प्राचार्य भी इस मामले में कोई कठोर एक्शन नहीं ले रहे हैं और मीडिया के सवालों से बच रहे हैं।