एडमिन टीम ने लिखा है
शिवपाल चाचा के बहाने किसी ने ग्रुप में पार्टी विरोधी बात की तो सीधा ब्लॉक कर दिया जाएगा। ये कमेंट देखिए-
याद कीजिये जब बिहार में राजद सत्ता में थी तो साधु यादव को बहुत बड़ा भ्रम हो गया था कि वो बिहार का एक ताकतवर नेता बन गया है। लेकिन जब… पे लात पड़ी तो औकात में आ गया और आज वो कहां सड़ रहा है किसी को पता भी नहीं है। कुछ इसी प्रकार का भ्रम Shivpal Singh Yadav को भी हो गया है और हाल भी वही होगा जो साधु, प्रभुनाथ और नागेंद्र राय का हुआ है।
शिवपाल चाचा के बहाने किसी ने ग्रुप में पार्टी विरोधी बात की तो सीधा ब्लॉक कर दिया जाएगा। ये कमेंट देखिए-
याद कीजिये जब बिहार में राजद सत्ता में थी तो साधु यादव को बहुत बड़ा भ्रम हो गया था कि वो बिहार का एक ताकतवर नेता बन गया है। लेकिन जब… पे लात पड़ी तो औकात में आ गया और आज वो कहां सड़ रहा है किसी को पता भी नहीं है। कुछ इसी प्रकार का भ्रम Shivpal Singh Yadav को भी हो गया है और हाल भी वही होगा जो साधु, प्रभुनाथ और नागेंद्र राय का हुआ है।
हेमंत यादव ने लिखा है
शिवपाल के कहने पर वही यादव वोट देंगे तो बचपन में पड़ोसी को एक चॉकलेट देने पर पापा बोल दिया करते थे। इस ग्रुप में जितने भी शिवपाल फैंस हैं, वह अपना दूसरा ग्रुप जल्दी से बना लें। क्योंकि शिवपाल शिवपाल सुनते सुनते सुबह से दिमाग खराब हो गया है। पार्टी से शिवपाल का जाना कुछ शुभ का संकेत है क्योंकि नरेश अग्रवाल के जाते ही हमने तीन लोकसभा एक विधानसभा चुनाव जीता है।
शिवपाल के कहने पर वही यादव वोट देंगे तो बचपन में पड़ोसी को एक चॉकलेट देने पर पापा बोल दिया करते थे। इस ग्रुप में जितने भी शिवपाल फैंस हैं, वह अपना दूसरा ग्रुप जल्दी से बना लें। क्योंकि शिवपाल शिवपाल सुनते सुनते सुबह से दिमाग खराब हो गया है। पार्टी से शिवपाल का जाना कुछ शुभ का संकेत है क्योंकि नरेश अग्रवाल के जाते ही हमने तीन लोकसभा एक विधानसभा चुनाव जीता है।
अखिलेशियन सूरज ने लिखा है
हम छोटे थे, झुकते ही रहे। आप बड़े थे थोड़ा झुक जाते। उठाकर सीने से लगा लेते। (अखिलेश यादव द्वारा शिवपाल के पैर छून वाली तस्वीर के साथ) इन्द्रजीत बाबा ने लिखा है-
जो समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष के खिलाफ हैं, वो सेकुलर मोर्चा में शामिल हो सकते हैं। बाय-बाय
बेनी वर्मा और कल्याण सिंह की तरह एक दिन शिवपाल चाचा भी किसी लायक नही रहेंगे। गलत या सही। इस पोस्ट पर 103 लोगों ने सही कहा है।
हम छोटे थे, झुकते ही रहे। आप बड़े थे थोड़ा झुक जाते। उठाकर सीने से लगा लेते। (अखिलेश यादव द्वारा शिवपाल के पैर छून वाली तस्वीर के साथ) इन्द्रजीत बाबा ने लिखा है-
जो समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष के खिलाफ हैं, वो सेकुलर मोर्चा में शामिल हो सकते हैं। बाय-बाय
बेनी वर्मा और कल्याण सिंह की तरह एक दिन शिवपाल चाचा भी किसी लायक नही रहेंगे। गलत या सही। इस पोस्ट पर 103 लोगों ने सही कहा है।
प्रवीन पंकज यादव ने पोल किया- आपके किसके साथ हैं
अखिलेश यादव 214 वोट, शिवपाल 28 वोट, दोनों के साथ 6 वोट
sadf fatma ने लिखा है- मेरा सभी पार्टी के साथियों से निवेदन है कि चाचा शिवपाल जी के मामले में कुछ भी गलत कमेंट न करें, वह अखिलेश भैया और उनके घर का मामला है।
आलोक यदुवंशी ने लिखा है-
चाचाजी जाना है तो तुरंत जाइए, यहां रायता न फैलाइए।
रमेश कुशवाहा कहते हैं-
समाजवादी पार्टी वटवृक्ष है। टहनियों से टूटे फूल सूख जाते हैं।
ठाकुर संदीप सिंह लिखते हैं-
पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक थे शिवपाल सिंह यादव जी। पार्टी ने जमीनी नेता को खो दिया। दुखद।
इंजीनियर अऱविन्द यादव ने लिखा है
मैं समाजवादी पार्टी से बा-बार उपेक्षित होने के कारण इस्तीफा देता हूं। शिवपाल चाया जिन्दाबाद, आदित्य भैया जिन्दाबाद।
लाल बहादुर यादव का कमेंट देखिए-
शिवपाल यादव बस किसी तरह से अपना राजनीतिक वजूद बचाने का प्रयास कर रहे हैं। अगली बार विधानसभा में दाखिला मुश्किल हो जाएगा।
दीपक कुमार ने अमर सिंह और नरेश अग्रवाल के बारे में ऐसी टिप्पणी की है जिसका प्रकाशन नहीं किया जा सकता है।
अखिलेश यादव 214 वोट, शिवपाल 28 वोट, दोनों के साथ 6 वोट
sadf fatma ने लिखा है- मेरा सभी पार्टी के साथियों से निवेदन है कि चाचा शिवपाल जी के मामले में कुछ भी गलत कमेंट न करें, वह अखिलेश भैया और उनके घर का मामला है।
आलोक यदुवंशी ने लिखा है-
चाचाजी जाना है तो तुरंत जाइए, यहां रायता न फैलाइए।
रमेश कुशवाहा कहते हैं-
समाजवादी पार्टी वटवृक्ष है। टहनियों से टूटे फूल सूख जाते हैं।
ठाकुर संदीप सिंह लिखते हैं-
पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक थे शिवपाल सिंह यादव जी। पार्टी ने जमीनी नेता को खो दिया। दुखद।
इंजीनियर अऱविन्द यादव ने लिखा है
मैं समाजवादी पार्टी से बा-बार उपेक्षित होने के कारण इस्तीफा देता हूं। शिवपाल चाया जिन्दाबाद, आदित्य भैया जिन्दाबाद।
लाल बहादुर यादव का कमेंट देखिए-
शिवपाल यादव बस किसी तरह से अपना राजनीतिक वजूद बचाने का प्रयास कर रहे हैं। अगली बार विधानसभा में दाखिला मुश्किल हो जाएगा।
दीपक कुमार ने अमर सिंह और नरेश अग्रवाल के बारे में ऐसी टिप्पणी की है जिसका प्रकाशन नहीं किया जा सकता है।