scriptशिवाजी के आगरा किले से भागने की कहानी झूठी, फिर सच्चाई क्या है, देखें वीडियो | Shivaji agra visit in 1666 new research by dr sugam anand dr ami adhar | Patrika News

शिवाजी के आगरा किले से भागने की कहानी झूठी, फिर सच्चाई क्या है, देखें वीडियो

locationआगराPublished: Sep 19, 2018 08:58:25 pm

Submitted by:

Bhanu Pratap

11 मई, 1666 को शिवाजी और औरंगजेब की भेंट न हो सकी। इस पर शिवाजी कटरा राजा जय सिंह में रुके। यहीं पर मिर्जा राजा जय सिंह के पुत्र कुंवर राम सिंह की छावनी थी।

ami adhar nidar

ami adhar nidar

आगरा। प्रचलित है कि छत्रपति शिवाजी को मुगल शासक औरंगजेब ने आगरा किले में कैद रखा था। यहीं से शिवाजी टोकरी में बैठकर भाग गए थे। अगर तथ्यों की बात करें तो यह कहानी एकदम झूठी है। शिवाजी को आगरा किले में कभी कैद रखा ही नहीं गया था। शिवाजी तो कोठी मीना बाजार स्थित चौबेजी की कोठी से भागे थे। मुगल सल्तनत हाथ मलती रह गई थी।
यह भी पढ़ें

352 साल बाद शिवाजी की आगरा यात्रा का सबसे बड़ा रहस्य उजागर, देखें वीडियो

डॉ. सुगम आनंद और डॉ. अमी आधार निडर ने किया शोध

यह शोध किया है डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (आगरा विश्वविद्यालय) के पं. दीनदयाल उपाध्याय ग्राम्य विकास संस्थान के निदेशक और इतिहास के प्रोफेसर डॉ. सुगम आनंद तथा आगरा कॉलेज में पत्रकारिता विभाग के शिक्षक डॉ. अमी आधार निडर ने। उन्होंने इसकी प्रस्तुति विश्वविद्यालय के खंदारी परिसर स्थित जय प्रकाश नारायण सभागार में चल रही राष्ट्रीय संगोष्ठी में की। संगोष्ठी का विषय है- शिवाजी की आगरा यात्रा का ऐतिहासिक महत्वः स्रोत एवं साक्ष्य। यह संगोष्ठी 21 सितम्बर को भी चलेगी। संगोष्ठी का उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहसरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल ने किया। अध्यक्षता कुलपति डॉ. अरविन्द दीक्षित ने की।
यह भी पढ़ें

शिवाजी की आगरा यात्रा पर डॉ. रुचि चतुर्वेदी ये कविता सुनकर आप रोमांचित हो उठेंगे, देखें वीडियो

यहां रुके थे

डॉ. अमी आधार निडर ने तमाम दस्तावेजों, खसरा खतौनी और स्थलीय साक्ष्यों के आधार पर बताया कि आगरा किला जाने से पूर्व शिवाजी मलूकचंद की सराय में रुके थे। वहां के लोग शिवाजी की आज भी याद करते हैं। 11 मई, 1666 को शिवाजी यहां आए थे। स्थानीय लोग उनके आगमन की खुशी मनाते थे, लेकिन अब यहां कोई कार्यक्रम नहीं हो रहा है।
यह भी पढ़ें

तीन तलाक अध्यादेश पर मुस्लिम नेता ने पीएम मोदी से किया ये बड़ा सवाल, कहा जनता सब समझ चुकी है…, देखें वीडियो

dr krishna gopal
कमाल खां की मजार

रास्ता भटकने के कारण शिवाजीका काफिला देहरा बाग (वर्तमान में कमाल खां की मजार) पहुंच गया था। मिर्जा राजा जय सिंह ने तत्काल डूंगरवाल चौधरी और रामदास चौधरी को भेजा ताकि सही मार्ग से होते हुए आगरा किले तक लाया जा सके। 11 मई, 1666 को शिवाजी और औरंगजेब की भेंट न हो सकी। इस पर शिवाजी कटरा राजा जय सिंह में रुके। यहीं पर मिर्जा राजा जय सिंह के पुत्र कुंवर राम सिंह की छावनी थी।
यह भी पढ़ें

अब व्यापारियों को परेशान होने की नहीं जरूरत, इस तरह होगा टैक्स से संबंधित समस्याओं का समाधान

जयपुर हाउस में रखा गया

12 मई, 1666 को राम सिंह, शिवाजी और संभाजी आगरा किला की ओर चले। नूरगंज में रास्ता संकरा होने के कारण हाथी वापस भेजने पड़े। वर्तमान नूरी दरवाजा से एसएन मेडिकल कॉलेज और आगरा कॉलेज ही वास्तव में नूरगंज बाग है। शिवाजी दोपहर में आगरा किला के दीवान-ए-आम में पहुंचे। किले में अपमान होने पर शिवाजी दरबार छोड़कर चले आए। इस पर उन्हें राम सिंह की छावनी के निकट ही नजरंबद कर दिया गया। उनकी निगरानी का दायित्व सिद्धी फौलाद खां को दिया गया। यह स्थान जयपुर हाउस में व्यापार कर कार्यालय का भवन है। आज भी अभिलेखों में दर्ज है। 1922 में इसका पुननिर्माण हुआ है। इस पर महाराज जयपुर के नाम की पट्टी लगी है।
यह भी पढ़ें

सपा की साइकिल यात्रा पहूंची मथुरा, भाजपा पर जमकर साधा निशाना


dr krishna gopal
कोठी मीना बाजार में शिवाजी की असली जेल

औरंगजेब ने 16 मई 1966 को शिवाजी को रदंदाज खां के मकान पर ले जाने का आदेश दिया। तोपें लगाई गईं ताकि शिवाजी भाग न जाएं। आलमगीरनामा और राजस्थानी रिकॉर्ड में विवरण दर्ज है। राम सिंह की जमानत पर शिवाजी को फिदाई हुसैन की हवेली में कैद किया गया। यह स्थान कोठी मीना बाजार की चौबेजी की कोठी है। यही शिवाजी की असली जेल है। यहां से शिवाजी को विट्ठलनाथ की हवेली (जामा मस्जिद के निकट) भेजा जाना था। इससे पहले ही शिवाजी मुगल सल्तनत को चकमा देकर निकल गए।

ट्रेंडिंग वीडियो