भारत के 14 लाख बच्चे हर साल खसरे की चपेट में आते हैं। जिसमें 40 हजार बच्चे मर जाते हैं। दुनिया में खसरे व रुबेला से मरने वाले बच्चों में एक तिहाई (लगभग 35 फीसदी) बच्चे भारत के होते हैं। खसरे में बच्चों को दस्त, कुपोषण व निमोनिया के साथ बुखार दिमाग पर चढ़ जे तो शरीर के किसी बी भाग में अपंगता आ सकती है। वहीं गर्भावस्ता के दौरान रुबेला होने पर गर्भस्थ शिशु में अपंगता, अंधापन, बहराव हृदय रोग जैसी समस्या हो सकती है। जबकि इन दोनों बीमारियों से टीकारण के माध्यम से बचा जा सकता है।
प्रतियोगिता में विभिन्न स्कूलों के लगभग 1200 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया। अपने चित्रों के माध्यम से जहां बच्चों ने रुबेला और खसरे के लक्षण व बचाव के बारे में बताया वहीं टीकारण अवश्य कराने के प्रति संदेश भी दिया। रोटरी क्लब के डिस्ट्रिक गवर्नर अरुण जैन ने बताया कि लक्ष्य इन दोनों बीमारियों से 2020 तक देश को मुक्त करना है। इसके लिए सभी लोग एमएर अभियान में सहयोग करें। प्राइवेट व परिषदीय स्कूलों, हेल्थ सेंटर, सरकारी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेज, आंगनबाड़ी व एनएम वर्कर द्वारा यह टीकारण 9 माह से 15 वर्ष तक के बच्चों को दिया जाएगा।
संचालन रोटरी क्लब आगरा वेस्ट के अध्यक्ष डॉ. पंकज नगायच ने किया। रोटरी क्लब की ओर कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर राहुल वाधवा, सचिन वाधवा, दिव्या वाधवा, अनिल जैन, सुमन, राज बंसल, नरेश सूद, आरएन अग्रवाल, सीएमओ मुकेश वत्स, विधायक जगन प्रसाद गर्ग, डब्ल्यू एकओ से डॉ. बीएस चंदेल, यूनीसेफ से डॉ. संदीप श्रीवास्तव, डिस्ट्रिक गवर्नर अरुण जैन, शरद बंसल, मनोज बजाज, राजीव मोहन, हरीश तोमर आदि उपस्थित थे।