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साहित्य जगत में अंतरराष्ट्रीय फलक पर चमका ताज नगरी का नाम…..

locationआगराPublished: Jun 06, 2018 09:31:53 am

66 देशों से 2371 प्रतिभागियों के मध्य आगरा के अंग्रेजी कवि राजीव खंडेलवाल विजेता घोषित।

Rajiv Khandelwal

Rajiv Khandelwal

आगरा। ताज नगरी के पुराने गंगाधर रामचंद्र परिवार में श्रीभगवान दास खंडेलवाल के बड़े पुत्र, निर्यातक व अंग्रेजी कवि राजीव खंडेलवाल की साहित्यिक उपलब्धियों के चलते अंतरराष्ट्रीय फलक पर ताज नगरी का नाम चमका है। लेबनान के ग्रेटिस कल्चर के लिए नाजी नामान की फाउंडेशन द्वारा वर्ष 2018 के साहित्यिक पुरस्कारों के लिए आयोजित 16 वीं प्रतियोगिता में विश्व के 66 देशों से 2371 साहित्यकारों को नामित किया गया था। इनमें से विजेता घोषित 64 साहित्यकारों में ताजनगरी, भारत से राजीव खंडेलवाल भी शामिल हैं।
प्रदान किया जाएगा प्रमाण पत्र
अंग्रेजी भाषा में उनकी काव्य रचनात्मकता को पहली अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्रदान करते हुए फाउंडेशन फॉर ग्रेटिस कल्चर ने राजीव खंडेलवाल को ‘मेसन नामान डाल्ड ला कल्चर’ के सदस्य की मानद उपाधि प्रदान करने के लिए चुना है। संस्था द्वारा जुलाई 2018 में इस आशय का प्रमाण पत्र उनको प्रदान किया जाएगा। राजीव खंडेलवाल ने बताया कि उन्हें फाउंडेशन से जब विजेता घोषित किए जाने का मेल मिला तो भीतर के कवि को रचनात्मक संतोष की अनुभूति हुई। श्री खंडेलवाल ने स्पष्ट किया कि धनबाद, भारत के प्रोफेसर डॉ. आर के सिंह ने इस फाउंडेशन को भारत से उनका नाम सुझाया था। श्री राजीव खंडेलवाल को अंतर्राष्ट्रीय सम्मान मिलने पर भारत और विदेशों के विभिन्न कविता जनरल के संपादक, प्रसिद्ध आलोचकों- विशेष रूप से डॉ. आरके सिंह धनबाद, अजु मुखोपाध्याय, डॉ. अत्र्य शर्मा, डॉक्टर सीएल खत्री, डॉक्टर केके विश्वकर्मा, डॉ. नरेंद्र नेव, डॉक्टर शैलेन सिंह, डीआर वीवी राम-राव, डॉ. डीसी चंबियल, प्रोफेसर केवी डोमिनिक, राजेश शर्मा, डॉ भूपेंद्र परिहार, डॉ. एन के घोष, डॉ. दीनदयाल मथुरा, डॉक्टर आरएस तिवारी शिखरेश, ब्रज खंडेलवाल, अनिल कुमार शर्मा ने हर्ष व्यक्त किया है।
दी गई बधाई
ब्रिटेन से रेजीनॉल्ड मेसी ने बधाई देते हुए कहा कि यह अंग्रेजी कविता और कवि राजीव खंडेलवाल के लिए जीत है। गौरतलब है कि कॉच शेल एंड कॉउरीज, लव इज अ लॉट ऑफ वर्क, अ मॉनूमेंट टू पिजन और टाइम टू फॉरगेट सहित राजीव खंडेलवाल के अब तक चार अंग्रेजी कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। साथ ही इनके रचनात्मक अवदान पर प्रोफेसर बीवीवी राम-राव, स्वर्गीय डॉक्टर सोम पी रंचन और डॉक्टर भूपेंद्र परिहार द्वारा शोध परक समीक्षात्मक पुस्तकें लिखी गई हैं। इनके प्रकाशित खंडों को कविता पत्रिकाओं के 20 शिक्षाविदों-आलोचकों और संपादकों से अनुकूल समीक्षा मिली है। इनकी कविताओं का हिंदी अनुवाद भी प्रकाशन की प्रक्रिया में है। इस वर्ष फरवरी माह में अमृता विद्या एजुकेशन फॉर इममॉरटैलिटी सोसायटी द्वारा साहित्यिक उपलब्धियों के लिए इनका सम्मान भी किया गया था। अब इस अंतरराष्ट्रीय उपलब्धि पर इनको सम्मानित करने की इच्छा सेंट एंड्रयूज स्कूल के सी एम डी डॉक्टर गिरधर शर्मा ने जताई है।

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