राजा ने कहा- बड़े ताज्जुब की बात है कि प्रदूषण दूर करने का उपाय स्कूल ऑफ आर्कीटेक्ट एंड प्लानिंग से पूछा जा रहा है, जबकि उसका प्रदूषण से दूर-दूर का भी वास्ता नहीं है।
raja aridaman singh
आगरा। उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री राजा महेन्द्र अरिदमन सिंह ने ताजमहल के शहर आगरा मे बढ़ते प्रदूषण पर चिन्ता प्रकट की है। उन्होंने अफसरों की मंशा पर सवालिया निशान लगाया है। प्रदूषण के नाम पर उद्योगों को बंद करने की नीति को एकदम गलत ठहराया है। साफ कहा कि प्रदूषण उद्योगों से नहीं हो रहा है। विजन डॉक्यूमेंट में आगरा के किसी भी जनप्रतिनिधि को शामिल न करने पर नाराजगी प्रकट की है। उन्होंने ऐसे अनेक सुझाव दिए है, जिनके अनुसार कार्य हो तो प्रदूषण को समाप्त किया जा सकता है।
यमुना में साफ पानी की जरूरत जिला सहकारी बैंक में पत्रकारों से बातचीत करते हुए राजा महेन्द्र अरिदमन सिंह ने बताया कि आगरा में बढ़ते हुए प्रदूषण के सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव, केन्द्रीय पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव अवगत कराया है। उन्होंने कहा कि बड़े ताज्जुब की बात है कि प्रदूषण दूर करने का उपाय स्कूल ऑफ आर्कीटेक्ट एंड प्लानिंग से पूछा जा रहा है, जबकि उसका प्रदूषण से दूर-दूर का भी वास्ता नहीं है। जरूरत इस बात की है कि यमुना में साफ व पर्याप्त पानी रहे, जिससे कि रेत व मिट्टी के कण ताजमहल के आसपास न उड़ें। प्रदेश सरकार व भारत सरकार द्वारा यदि समय रहते समस्या का समाधान न किया गया आगरा बेरोजगारी में घिर जाएगा।आगरा से व्यापक पैमाने पर पलायन प्रारम्भ हो जायेगा।
विजन डॉक्युमेंट बनाने से पूर्व अध्ययन नहीं किया आगरा से सम्बन्धित विजन डॉक्युमेन्ट्स तैयार करते समय कोई स्टडी नहीं की गयी है। इसकी जानकारी आगरा के किसी जनप्रतिनिधि को उपलब्ध नहीं करायी गयी कि किन-किन कारणों से प्रदूषण हो रहा है, जिसका ताजमहल पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। जबकि इसके बनने के बाद सर्वोच्च न्यायालय आदेश देगा, उससे आगरा की जनता कहीं न कहीं प्रभावित होगी, अगर स्टडी की गयी होती, तो होने वाले दुष्परिणामों से बचा जा सकता था।
टीटीजेड क्षेत्र में पीपल और नीम के पौधे लगाएं ताज ट्रिपेजियम जोन पर हरियाली के क्षेत्र का दायरा कैसे बढाया जाये, जिससे ताजमहल के आस पास नमी या आद्रता बनी रहे, उसके उपाय करने चाहिये, जैसे- धूल रोकने के लिए छिड़काव, धूल रोकने के इंतजाम के बिना खुदाई पर रोक, मिट्टी और निर्माण सामग्री को बिना ढंके ले जाने पर रोक, जल छिड़काव प्रणाली की व्यवस्था की जाये, निर्माण सामग्री का भण्डारण निर्धारित क्षेत्र में किया जाये। अगर थोड़ी बहुत धूल उड़े भी तो वह आद्रता के कारण खत्म हो जाये। इस कारण धूल रोकने का महत्वपूर्ण कारक आद्रता ही है। अगर आद्रता बनी रहेगी, तो इन सभी समस्याओं का समाधान निश्चित है। अतः ताज ट्रिपेजियम जोन (टीटीजेड) में वृहद्ध पौधरोपण कराया जाये, जैसे- पीपल के पेड़, जो (24 घण्टे) एवं नीम के पेड़, जो (18 घण्टे) ऑक्सीजन देते हैं।
उद्योगों से वायु गुणवत्ता प्रभावित नहीं एयर क्वालिटी इन्डैक्स (एक्युआई) यह दर्शाता है कि बरसात के समय यह 50 के आस-पास रहती है और सर्दी/गर्मी में 400 से ऊपर निकल जाती है, उससे यह स्पष्ट होता है कि जो उद्योग यहां अभी लगे हुए हैं, उनसे एयर क्वालिटी प्रभावित नहीं हो रही है। वायु गुणवत्ता सूचकांक खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। हवा में पी0एम0 2.5 की मौजूदगी 373 माइक्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब तक रिकॉर्ड की गयी। धीरे-धीरे गुणवत्ता में सुधार आया, जिससे क्वालिटी इन्डेक्स में भी गिरावट आयी। जिसके कारण पी0एम0 2.5 की मौजूदगी 249 माइक्रोग्राम प्रति मीटर क्यूब दर्ज की गयी। कार्बनमोनो ऑक्साइड 30 एन0पी0एम0 रह गया, हालांकि कई गुना अधिक है, जबकि इसके मानक 4.0 माइक्रोग्राम प्रति मीटर है। इसी तरह नाइट्रोजन 44 एन0पी0एम0 दर्ज किया, सलफर की स्थिति 15 रिकॉर्ड की गयी, जब ओजोन 108 तक है।
पूरा देश प्रभावित वायु प्रदूषण सिर्फ दिल्ली या एनसीआर की समस्या नहीं है, बल्कि इससे पूरा देश व्यापक रूप से जूझ रहा है। डब्लूएचओ के मुताबिक वर्ष 2016 में भारत में जहरीली हवा के प्रभाव के कारण पांच साल तक के एक लाख बच्चों की मौत हो गयी थी। इसके लिए यही कारण नहीं है, सड़कों पर बढ़ते वाहन भवन निर्माण की वजह से उड़ने वाली धूल भी पी0एम0 2.5 कणों की मात्रा बढ़ाने में योगदान करती है, वायु प्रदूषण में पी0एम0 2.5 कणों की 28 फीसदी हिस्सेदारी है।
किससे कितना प्रदूषण उपरोक्त सभी कारणों से पी0एम0 2.5 के लिए जिम्मेदार घटक सड़क की धूल से 38 फीसद, वाहन से 20 फीसद, घरेलू श्रोत से 1 फीसद,, औद्योगिक कारक से 11 फीसद, कंक्रीट बैचिंग से 6 फीसद, होटल और रैस्टोरेन्ट से 3 फीसद, ठोस कचरा जलाने से 3 फीसद, एवं अन्य से 7 फीसद, आदि कारण ही जिम्मेदार हैं।
आगरा के पर्यटन पर असर एन0एच0-1, एन0एच0-2, स्टेट हाईवे, आगरा से गुजरते हैं, जिन पर छोटे-बड़े वाहन भी चलते हैं। इससे कार्बनडाइऑक्साइड, कार्बनमोनोऑक्साइड, सलफरडाइऑक्साइड उत्सर्जित होती है और एयर क्वालिटी का बड़े पैमाने पर बदलाव होता है, जिससे कि ताजमहल को ही नहीं, बल्कि बीमार, बुजुर्ग व बच्चे भी बड़े पैमाने पर प्रभावित होते हैं। यहां तक कि पर्यटन उद्योगों पर भी इसका कुप्रभाव पड़ता है और अक्सर यह देखा गया है कि पर्यटक ‘‘मास्क’’ पहनकर ही आते हैं और इसका इलेक्ट्रोनिक मीडिया के माध्यम से पूरी दुनियां में दुष्प्रचार होता रहता है, जिससे कि यह सभी घटक आगरा के पर्यटकों पर बुरा असर डालते हैं।
आगरा के पर्यटन पर असर एन0एच0-1, एन0एच0-2, स्टेट हाईवे, आगरा से गुजरते हैं, जिन पर छोटे-बड़े वाहन भी चलते हैं। इससे कार्बनडाइऑक्साइड, कार्बनमोनोऑक्साइड, सलफरडाइऑक्साइड उत्सर्जित होती है और एयर क्वालिटी का बड़े पैमाने पर बदलाव होता है, जिससे कि ताजमहल को ही नहीं, बल्कि बीमार, बुजुर्ग व बच्चे भी बड़े पैमाने पर प्रभावित होते हैं। यहां तक कि पर्यटन उद्योगों पर भी इसका कुप्रभाव पड़ता है और अक्सर यह देखा गया है कि पर्यटक ‘‘मास्क’’ पहनकर ही आते हैं और इसका इलेक्ट्रोनिक मीडिया के माध्यम से पूरी दुनियां में दुष्प्रचार होता रहता है, जिससे कि यह सभी घटक आगरा के पर्यटकों पर बुरा असर डालते हैं।
उद्योग बंद न हों आगरा जनपद में तीन विश्व धरोहर हैं, ताजमहल, फतेहपुर सीकरी व आगरा किला, जिसमें बड़ी संख्या में देशी व विदेशी पर्यटक आते हैं, वर्तमान समय में जो आगरा जनपद में जो उद्योग संचालित हैं, उनको बन्द न कराया जाये, वरना रोजगार का संकट उत्पन्न हो जायेगा तथा होटलों के बन्द होने के कारण पर्यटकों की आने की संख्या कम हो जायेगी, जिससे कि इस उद्योग से जुड़े हुए हजारों लोग बेरोजगारी की कगार पर पहुंच जायेंगे।
उद्योगों पर लगी रोक हटे सितम्बर, 2016 में पर्यावरण मंत्रालय द्वारा लगाई गयी तदर्थ रोक तथा विजन डॉक्युमेन्ट ड्राफ्ट उद्योगों को शिफ्ट् करने की सिफारिश की गयी थी, जिसके तहत शहर के उद्यमियों ने तदर्थ रोक (एडहॉक मोरोटोरियम) हटाने की मांग को लेकर सरकार को ज्ञापन भी दिया था लेकिन अभी तक उद्योगों पर लगायी गयी रोक को नहीं हटाया गया। साथ ही भारत सरकार द्वारा उद्योगों का विभिन्न श्रेणियों में जो वर्गीकरण किया गया है, उसको समाप्त किया जाये तथा उद्योगों पर गत 19 वर्षों से लगी रोक को हटाया जाये, इसकी वजह से न तो कोई कोल्ड स्टोरेज, जूता उद्योग, होटल एवं अस्पताल बन पायेंगे, जबकि इनका एयर पॉल्युशन से कोई वास्ता सरोकार नहीं है। एडहॉक मोरोटोरियम से पर्यटन उद्यमि भी प्रभावित हैं। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा विषम परिस्थितियों में अगर कोई प्रतिकूल आदेश हो गया तो होटल, अस्पताल, कोल्ड स्टोरेज, जूता उद्योग आदि सभी उद्योग प्रभावित होंगे।
आगरा से केवल बी0एच0-6 वाहन ही गुजरें आगरा से केवल बी0एच0-6 वाहन ही गुजरें, जिससे कि उसमें से निकलने वाली हार्मफुल गैस न उड़े। सबसे महत्वपूर्ण और सोचनीय बिन्दु यह है कि गर्मियों में एयर क्वालिटी का स्तर 450 के स्तर तक पहुंचता है और बरसात में एयर क्वालिटी का स्तर 30 तक पहुंचता है। इससे स्पष्ट है कि स्थापित व्यावसायिक उद्योग जैसे कोल्ड स्टोरेज, हॉस्पिटल, होटल आदि इनका एयर पॉल्यूशन से कोई सम्बन्ध नहीं है, जो निर्बाध गति से चलाये जा सकते हैं।
बैराज बने राजा अरिदमन सिंह ने कहा कि ताज के संरक्षण के लिये यमुना का जल निर्मल होना अति आवश्यक है। यमुना में कचरा के कारण ताजमहल हरा पड़ रहा है। हाईवे निर्माण से रेत, धूल पहुंचने के कारण ताजमहल को काफी नुकसान पहुंच रहा है, जिसकी रोकथाम हेतु बैराज बनाकर तथा उचित व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाये।
एमजी रोड और माल रोड पर एलीवेटेड रोड बने उन्होंने बतायाकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ताज संरक्षित क्षेत्र एम0जी0 रोड (महात्मा गांधी मार्ग) और माल रोड (वी0आई0पी0) पर पेड़ों के कटान व रोड के चौड़ीकरण व एलीवेटिड रोड के लिए सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखकर अनुमति लेनी होगी।