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मूर्तियों का सफर ब्रज खंडेलवाल ने बताया कि पहले ये मूर्तियां पूर्व में शाहजहाँ गार्डन में लगी थीं। इनकी जगह मोतीलाल नेहरू की मूर्ति लग गयी। शाहजहां गार्डन से हटाकर इन मूर्तियों को फायर ब्रिगेड कार्यालय के कबाड़खाने में भेज दिया गया। फिर कुछ समझदार लोग ताज नगर निगम संग्रहालय (म्युनिसिपल म्यूजियम) जौन्स पब्लिक लाइब्रेरी, पालीवाल पार्क में लगवाने के लिए लेकर आए। मूर्तियां स्थापित भी हो गयी थीं। कुछ लोगं ने इसका विरोध कर दिया। इसके बाद इन मूर्तियों को संग्रहालय से हटाकर बाहर पटक दिया गया। तब से यह तीन मूर्तियां मछली कबाड़े में पड़ी हुई हैं।
मूर्तियों का सफर ब्रज खंडेलवाल ने बताया कि पहले ये मूर्तियां पूर्व में शाहजहाँ गार्डन में लगी थीं। इनकी जगह मोतीलाल नेहरू की मूर्ति लग गयी। शाहजहां गार्डन से हटाकर इन मूर्तियों को फायर ब्रिगेड कार्यालय के कबाड़खाने में भेज दिया गया। फिर कुछ समझदार लोग ताज नगर निगम संग्रहालय (म्युनिसिपल म्यूजियम) जौन्स पब्लिक लाइब्रेरी, पालीवाल पार्क में लगवाने के लिए लेकर आए। मूर्तियां स्थापित भी हो गयी थीं। कुछ लोगं ने इसका विरोध कर दिया। इसके बाद इन मूर्तियों को संग्रहालय से हटाकर बाहर पटक दिया गया। तब से यह तीन मूर्तियां मछली कबाड़े में पड़ी हुई हैं।
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ब्रिटिश सरकार अपने यहां स्थापित करे सोसाइटी के अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा और उपाध्यक्ष श्रवण कुमार सिंह ने कहा विरासत के प्रति संवेदनहीनता की शिकार इन मूर्तियों को न तो नगर निगम लेना चाहता है न जिला प्रशासन। इसलिए वक़्त का तकाज़ा है की ब्रिटिश सरकार इन मूर्तियों को अपने यहाँ स्थापित करे।
ब्रिटिश सरकार अपने यहां स्थापित करे सोसाइटी के अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा और उपाध्यक्ष श्रवण कुमार सिंह ने कहा विरासत के प्रति संवेदनहीनता की शिकार इन मूर्तियों को न तो नगर निगम लेना चाहता है न जिला प्रशासन। इसलिए वक़्त का तकाज़ा है की ब्रिटिश सरकार इन मूर्तियों को अपने यहाँ स्थापित करे।
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कौन थीं क्वीन विक्टोरिया क्वीन विक्टोरिया (एलेक्जेंड्रिना विक्टोरिया) ब्रिटेन और आयरलैंड की महारानी थीं। उन्हें एम्प्रेस ऑफ इंडिया की उपाधि से भी नवाजा गया। उनका जन्म 24 मई 1819 को लंदन में हुआ था। 11 जनवरी,1901 को उनकी मृत्यु हुई। अंग्रेजों ने भारत पर शासन क्वीन विक्टोरिया के नाम पर किया था।
कौन थीं क्वीन विक्टोरिया क्वीन विक्टोरिया (एलेक्जेंड्रिना विक्टोरिया) ब्रिटेन और आयरलैंड की महारानी थीं। उन्हें एम्प्रेस ऑफ इंडिया की उपाधि से भी नवाजा गया। उनका जन्म 24 मई 1819 को लंदन में हुआ था। 11 जनवरी,1901 को उनकी मृत्यु हुई। अंग्रेजों ने भारत पर शासन क्वीन विक्टोरिया के नाम पर किया था।