scriptप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिया है बड़ा लक्ष्य, इन दो इलाकों में स्वास्थ्य विभाग ने झोंकी ताकत | PM narendra modi target TB free India Health deparment agra in action | Patrika News
आगरा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिया है बड़ा लक्ष्य, इन दो इलाकों में स्वास्थ्य विभाग ने झोंकी ताकत

जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ यूबी सिंह ने बताया कि टीबी का एक मरीज 10 से 15 लोगों को संक्रमित कर देता है। मरीजों की पहचान का अभियान 22 जून तक चलेगा।

आगराJun 10, 2019 / 06:49 pm

arun rawat

tv

tv

आगरा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। इसे पूरा करने के लिए जिले में सघन टीबी रोगी खोज अभियान सोमवार से शुरू हो गया। अभियान 22 जून तक चलेगा। अभियान के तहत जिले के सैंया विकास खंड और आगरा वेस्ट यानी जिला अस्ताल के आसपास का क्षेत्र (एरिया एयरपोर्ट तक) को पूरी तरह से टीबी मुक्त किया जायेगा। इस बार पूरे जिले में टीबी खोजी अभियान न चलाकर सिर्फ इन दो इलाकों में ही टीमों को लगाया गया है। इन इलाकों में टीबी के मरीजों की खोज के लिए 160 टीमें लगायी गयी हैं। हर टीम में एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शामिल की गयी हैं। टीम घर-घर जाकर टीबी के मरीजों की खोज करेंगी। संदिग्ध मरीज मिलने पर तत्काल मोबाइल जांच वैन में मरीज के बलगम की जांच कर इलाज शुरू कर दिया जायेगा।
तत्काल इलाज जरूरी
जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ यूबी सिंह ने बताया कि इस बार इन दोनों इलाकों में लगायी गयी टीमें घर में मौजूद हर सदस्य से बात करेंगी। घर के हर सदस्य से बात करने का निर्णय इसलिए लिया गया ताकि कहीं कोई चूक न रह जाये। उन्होंने बताया कि टीबी का एक मरीज 10 से 15 लोगों को संक्रमित कर देता है, इसलिए टीबी के मरीज की जल्दी पहचान होने के बाद तत्काल उसका उपचार शुरू होना जरूरी है। जांच के लिए इलाके में एक-एक मोबाइल यूनिट भी लगायी गयी है, तो संदिग्ध मरीज मिलने की सम्भावना में तत्काल जांच की जा सके।
निजी अस्तालों में इलाज करा रहे मरीजों की भी पहचान होगी
जिला समन्वयक कमल कुमार ने बताया कि अभियान के दौरान लगायी गयी टीमों को प्रशिक्षण के माध्यम से यह बताया गया है कि अभियान के तहत लोगों से कैसे सवाल करने हैं। उन्होंने बताया कि अभियान के तहत इस बात की भी जानकारी की जायेगी कि कौन से मरीज प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। उनको चिन्हित करने के साथ-साथ जागरुक किया जायेगा कि वह इलाज को पूरा करें बीच में न छोड़ें। टीबी के प्रति जागरुकता के लिए प्रचार प्रसार भी कराया जा रहा है।
बनाए जाएंगे फैमिली डॉट प्रोवाइडर
अभियान के दौरान चिन्हित किया गया मरीज अपनी पहचान गुप्त रखना चाहता है तो ऐसे मरीजों की प्राइवेसी के लिए फैमिली डॉट प्रोवाइडर बनाये जायेंगे। इन फैमिली डॉट प्रोवाइडर के माध्यम से मरीज को दवा आदि उपलब्ध कराई जाएगी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो