सड़क हादसे में घायल हुए व्यक्ति को यदि समय पर उपचार मिल जाए तो उसकी जान बचाने की संभावनाएं कई गुना बढ़ जाती हैं। चिकित्सकों का कहना है कि हादसे के बाद के दस बीस मिनट का समय बहुत कीमती होता है। इस समय में यदि उपचार मिल जाए तो जान बचने की संभावनाएं बढ़ जाती है। हर साल लाखों लोग सड़क हादसे में घायल हो जाते हैं। हादसे के बाद लोग मदद करने के बजाए या तो वहां से निकल जाते हैं या फिर तमाशाबीन बनते हैं। लेकिन, मदद नहीं करते। मुख्य चिकित्सा अधिकारी मुकेश वत्स का कहना है कि अगर कोई दुर्घटना में घायल व्यक्ति को इलाज के लिए अस्पताल लेकर जाता है तो परिवहन विभाग उसे दो हजार रुपये प्रोत्साहन राशि देगा। इसके लिए जिस अस्पताल में घायल को ले जाया गया है, उस अस्पताल का डाक्टर घायल को भर्ती करने के दौरान लाने वाले का नाम लिखेगा और उसके आधार पर यह व्यवस्था की जाएगी।
सड़क हादसे में घायलों की मदद करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने पहले से ही गाइड लाइंस बनाईं हैं कि पुलिस घायल व्यक्ति को लाने वाले को परेशान नहीं करेगी। वहीं अब घायल की मदद करने वाले को मिलने वाली दो हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि के बाद मदद करने वालों का रुझान और बढ़ने की संभावनाएं हैं।