नीदरलैंड के प्रो. डब्ल्यू सी पाॅल ने बताया कि अक्सर होता यह है कि हमारे मस्तिष्क में लगी हल्की चोट को हम नजर अंदाज कर जाते हैं। कई बार यह भारी पड़ता है। दिमागी चोट गंभीर हो सकती है। उसका शारीरिक और मानसिक क्रियाओं पर असर पड़ता है। इसमें चेतना खत्म होना, याददाश्त या व्यक्ति का व्यक्तित्व उलटना, आंशिक या पूर्ण रूप से लकवाग्रस्त हो जाना सहित तमाम जोखिम शामिल हैं। इसलिए जरूरी है कि हल्की चोटों और अगले कुछ समय में सामने आए लक्षणों को नजर अंदाज न करें। डाॅक्टर से सलाह लें और जरूरी जांचें कराएं।