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BIG NEWS: ताजमहल पर नमाज पढ़ने को लेकर मुस्लिम समाज का बड़ा कदम, कर दिया ये ऐलान

locationआगराPublished: Nov 19, 2018 01:41:24 pm

ताजमहल पर स्थित शाही मस्जिद में नमाज को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है।

आगरा। ताजमहल पर नमाज पढ़ने को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। मस्जिद इंतजामियां कमेटी ने आज फिर ताजमहल पर शाहजहां व बेगम मुमताज महल के मकबरे के पश्चिम की ओर बनी शाही मस्जिद में नमाज को लेकर कमिश्नर को ज्ञापन दिया है। ज्ञापन के माध्यम से बताया गया कि पिछले 400 वर्षों से रोजाना नमाज, जुमे की नमाज, ईदुलफितर एवं इदुलअजहा की नमाज के साथ ही पवित्र माह रमजान की महीने में रात्रि विशेष की नमाज यहां पढ़ी जा रही है। फिर यहां नमाज पर क्यों रोक लगाई जा रही है।

ज्ञापन में ये किया गया स्पष्ट
मोहम्मद इदरीश ने कहा कि 3 नवंबर 2018 को मस्जिद में मौजूद इमाम सैय्यद सादिक अली से अधिकारियों ने मौखिक रूप से असर की नमाज के समय नमाज पढ़ने व पढ़ाने से रोकने का प्रयास किया गया एवं वजू टैंक की रैलिंग में ताले डाल दिए गए। संवैधानिक रूप से मस्जिद, मंदिर, गिरजाघर और गुरुद्वारे में अपने मजहब के अनुसान पूजा, प्रार्थना, अरदास, नमाज करने का हक है। ऐसे में मस्जिद में नमाज पढ़ने व पढ़ाने से कोई भी विभाग या कानून नहीं रोक सकता है। उन्होंने बताया कि 15 जनवरी 2001 का गजट शुक्रवार की नमाज के संबंध में किया गया है। रोजाना की नमाज एवं अन्य नमाजों से इसका कोई संंबंध नहीं है। 26 जनवरी 2018 को जिलाधिकारी द्वारा मौखिक रूप से सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए शुक्रवार की नमाज में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगाई गई थी एवं आगरा के लोगों के लिए शुक्रवार के दिन नमाज पढ़ने की आदेश किए गए थे। इस आदेश में भी रोजाना होने वाली नमाज एवं अन्य नमाजों से कोई संबंध नहीं है।

ये की गई मांग
कमिश्नर को बताया कि जनसूचना में मांगे गए प्रश्नों के जवाब में जिलाधिकारी द्वारा सुप्रीम कोर्ट का कोई भी हवाला नहीं देते हुए सुरक्षा कारणों से बाहरी नमाजियों पर पाबंदी लगाने को कहा गया है। उन्होंने मांग की है इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए इस विषय को गंभीरता से लें, जिससे परम्परागत रूप से हो रही नमाज को बदस्तूर जारी रखा जाए।

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