-Polythene के खिलाफ डेढ़ साल से चला रहे सार्थक अभियान
-अब तक आम जनता को 50 हजार कपड़े के थैले बांट चुके हैं
-डॉक्टर प्रेरणा लेकर अपना पर्चा कपड़े के थैले में रखकर दे रहे
-‘उड़ान’ के माध्यम से विधवाओं को अपने पैरों पर खड़ा कर रहे
-राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करने वाले आगराइट्स का सम्मान
Sunil jain
आगरा। पूर्व पार्षद सुनील जैन (Sunil jain) समाजसेवा के पर्याय बन चुके हैं। लीडर्स आगरा (Leaders agra) के माध्यम से पॉलीथिन (Polythene) के खिलाफ अभियान, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ (Beti Bachao Beti Padhao), हार्ट सर्जरी, आगराइट्स का सम्मान, चिकित्सा, विधवा महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए उड़ान जैसे प्रोजेक्ट चला रखे हैं। पॉलीथिन के खिलाफ लोग केवल बातें करते हैं, लेकिन वे कपड़े के थैले बांटकर अलख जगा रहे हैं। 50 हजार थैले बांट चुके हैं। पूर्व राज्यपाल राम नाईक (Ram Naik), उत्तराखंड की राज्यपाल बेबीरानी मौर्य (Baby rani maurya) और तमाम केन्द्रीय मंत्री इस अभियान को सराह चुके हैं। जन्मदिन (Birth day) पर उपहार के रूप में कपड़े का थैला देने का अभियान शुरू किया है। हाल यह है कि लोग उन्हें ‘थैला वाले जैन साहब’ के नाम से भी पुकारने लगे हैं। निश्चित रूप से वे समाज को सेवा की प्रेरणा दे रहे हैं। पत्रिका ने अपने विशेष कार्यक्रम की टु सक्सेस (Key to Success) के तहत सुनील जैन से बातचीत की। प्रस्तुत हैं मुख्य अंश-
पत्रिकाः लीडर्स आगरा के महामंत्री के रूप में बहुत सारे काम कर रहे हैं, मुख्य काम क्या है? सुनील जैनः 2016 में लीडर्स आगरा का गठन किया था। इसके पीछे सोच थी कि आगरा के तमाम लोग ऐसे हैं, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम कर रहे हैं और उनका सम्मान होता है, लेकिन अपने शहर में कोई नहीं जानता है। हमने लीडर्स आगरा अवॉर्ड चालू किए। सामाजिक, शिक्षा समेत कई क्षेत्रों में सम्मान देना प्रारंभ किया। उद्देश्य यह है कि वे सबको बताएं आगरा के नागरिक हैं और सबको मोटीवेट करें।
पत्रिकाः अब तक कौन-कौन सी प्रमुख हस्तियों को सम्मानित कर चुके हैं? सुनील जैनः राजवीर शर्मा (डीजीपी, कर्नाटक) प्रदीप शर्मा (एनकाउंटर स्पेशल मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच), फिल्म अभिनेत्री रवीना टंडन के पिता रवि टंडन को सम्मानित किया। वे जब आगरा आए तो पुराने मित्रों से मिले।
पत्रिकाः इसका श्रेय आपको और लीडर्स आगरा को जाता है? सुनील जैनः लीडर्स आगरा का प्रयास है कि सब लोग मिले जुलें। आगरा का नाम ऊंचाई तक ले जाएं। पत्रिकाः पॉलीथिन और प्लास्टिक बैन है, फिर भी भरपूर उपयोग हो रहा है। इसे हटाने के लिए कोई प्रयास किया है क्या?
सुनील जैनः हमने पॉलीथिन के विरोध में एक साल पहले से अभियान चला रहे हैं। करीब 50 हजार कपड़े के थैले बांट चुके हैं। समाज के तमाम लोगों ने हमें सहयोग किया है। मुख्य सहयोगी तपन ग्रुप है। बाजारों में थैले बांटे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त को कहा कि थैला घर से लेकर चलें। बर्थ-डे में कपड़े का थैला दें। यह हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि है। लीडर्स आगरा को सौभाग्य है कि हमने जन्मदिन पर कपड़े के थैले देना शुरू कर दिया है।
पत्रिकाः जानकारी मिली है कि किसी के स्वागत में फूलों की माला नहीं पहनाते हैं क्यों? सुनील जैनः मैं जैन समाज से आता हूं और जैन समाज के लोग यह मानते हैं कि फूलों में कीड़े होते हैं। उनकी हत्या होती है। इसलिए हमने इलाइची की माला पहनानी शुरू की है। हमारे कार्यक्रम में सिने तारिका हेमा मालिनी आई थीं। उनकी माला यहीं रह गई तो फोन करके मंगवाई।
पत्रिकाः बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान में कुछ किया है क्या? सुनील जैनः बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान में हम रेनबो हॉस्पिटल से जुड़े हुए हैं। रैली निकालकर लोगों को मोटीवेट करते हैं। लड़की के पैदा होने पर बैंक में खाता खुलवाकर धनराशि जमा करते हैं, जो आगे जाकर बहुत काम आती है।
पत्रिकाः विधवा महिलाओं को मदद करने का कोई प्रोजेक्ट है क्या? सुनील जैनः हमारी सहयोगी वंदना सिंह उड़ान प्रोजेक्ट देखती हैं। हमने 150 विधवा महिलाओं को 4000 रुपये कीमत की सिलाई मशीन दी है। इससे उन्हें रोजगार मिला है। आगरा में रावी ईवेंट के मनीष अग्रवाल प्रदर्शनी के दौरान लीडर्स आगरा को निःशुल्क स्टॉल उपलब्ध कराते हैं ताकि विधवा महिलाएं अपने उत्पाद बेच सकें।
पत्रिकाः चिकित्सा मंहगी है। गरीब इलाज नहीं करा पाता है। उनके लिए कुछ कर रहे हैं क्या? सुनील जैनः हमने 2006 में हार्ट मिशन शुरू किया था। टिक्की-पकौड़ी बेचने वाले का बच्चा हार्ट सर्जरी के लिए तीन साल से भटक रहा था। उसी दौरान डॉ. प्रवीन चन्द्रा भगवान बनकर आए। उन्होंने कहा कि एक लाख रुपये में हार्ट सर्जरी कर देंगे। हमने व्यवस्था की। वह बच्चा स्वस्थ है। अब तक 1500 हार्ट ऑपरेशन किए जा चुके हैं। दिल्ली के तमाम प्रसिद्ध हॉस्पिटल हमें बहुत कम मूल्य पर सेवा उपलब्ध कराते हैं। अगर किसी को इमरजेंसी में चिकित्सा सेवा की जरूरत है तो लीडर्स आगरा उपलब्ध कराता है।
पत्रिकाः क्या ऐसे लोग आपसे संपर्क कर सकते हैं? सुनील जैनः हां, कर सकते हैं। डॉ. अनूप खरे के माध्यम से अब तक 20 लोगों के घुटना प्रत्यारोपण कराए हैं। नर्सिंग होम का चार्ज और फीस फ्री है। उन्होंने अपने क्लीनिक पर कपड़े के थैले रखे हुए हैं। वे मरीज को पर्चा कपड़े के थैले में रखकर देते हैं। इससे आगरा के लोगों को प्रोत्साहन मिल रहा है।