जनता का बदला रुख
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि नरेन्द्र मोदी की कुंडली में 26 जनवरी से 26 अगस्त 2018 तक चंद्र में केतू का प्रत्यंतर था। इसके कारण उनके कुछ फैसलों ने जनता में गुस्सा पैदा किया था। उन्हें तमाम आलोचनाओं व विरोध का सामना करना पड़ा। एससी एसटी एक्ट का विरोध भी इसी दौरान सामने आया। लेकिन 26 अगस्त से चंद्र में शुक्र का प्रत्यंतर शुरू हुआ है। इसके बाद लोगों के मन में उनके लिए नाराजगी कम हो गई है। इसका फायदा उन्हें लोकसभा चुनाव 2019 के मतदान में मिला है।
गजकेसरी योग बदलेगा ग्रहों की चाल
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि नरेंद्र मोदी की कुंडली वृश्चिक लग्न की है। उनकी राशि भी वृश्चिक है। 11 अक्टूबर को गुरू उनके लग्न और राशि में आ गया है। इसके कारण प्रबल गजकेसरी योग बना है। ये एक प्रबल राजयोग है। गुरू की ये स्थिति एक बार फिर से नरेंद्र मोदी के वर्चस्व को बढ़ाएगी। इसके कारण 2019 में एक बार फिर से नरेंद्र मोदी ही देश की बागडोर संभालेंगे। हालांकि 2014 जैसी जीत पर कुछ असर पड़ सकता है, लेकिन ये बात स्पष्ट है कि चाहे कितने ही महागठबंधन बन जाएं, लेकिन देश के अगले प्रधानमंत्री फिर से नरेंद्र मोदी ही बनेंगे।
बीजेपी के सितारे
बीजेपी का जन्म 6 अप्रैल 1980 को दिल्ली में निर्माण हुआ। 11 बजकर 40 मिनट पर निर्माण हुआ। ये मिथुन लग्न की कुंडली है। तीसरे घर में मंगल, गुरु, शनि और राहू हैं और छटे घर में चंद्रमा है वृश्चिक राशि नीच का। नौंवे घर में बुध और केतु हैं। और दसवें घर में सूर्य है और 12 वें घर में शुक्र है। चंद्र में चंद्र 10 मार्च तक है, उसके बाद चंद्र में मंगल है, जो 10 अक्टूबर 2019 तक रहेगा, इसके चलते चंद्र में मंगल चलने के कारण महादशा चल रही है। 7 मार्च को राहु आ गया है मिथुन राशि पर आ गया है और सप्तम घर में गोचर में शनि और केतु चल रहा है। गुरु वृश्चिक राशि में चल रहे हैं। इसके चलते बीजेपी की कुंडली में गज केसरी योग का निर्माण हो रहा है, जो ये मान प्रतिष्ठा और पद के लिए प्रभावी होता है। लग्न में राहु आने के कारण बीजेपी के नेताओं का आपस में विवाद रहेगा, जिससे ख्याति में गिरावट आयेगी, लेकिन पार्टी सत्ता में वापिसी करेगी, संघर्ष के साथ। पूर्ण बहुमत की संभावना कम है।
बीजेपी का जन्म 6 अप्रैल 1980 को दिल्ली में निर्माण हुआ। 11 बजकर 40 मिनट पर निर्माण हुआ। ये मिथुन लग्न की कुंडली है। तीसरे घर में मंगल, गुरु, शनि और राहू हैं और छटे घर में चंद्रमा है वृश्चिक राशि नीच का। नौंवे घर में बुध और केतु हैं। और दसवें घर में सूर्य है और 12 वें घर में शुक्र है। चंद्र में चंद्र 10 मार्च तक है, उसके बाद चंद्र में मंगल है, जो 10 अक्टूबर 2019 तक रहेगा, इसके चलते चंद्र में मंगल चलने के कारण महादशा चल रही है। 7 मार्च को राहु आ गया है मिथुन राशि पर आ गया है और सप्तम घर में गोचर में शनि और केतु चल रहा है। गुरु वृश्चिक राशि में चल रहे हैं। इसके चलते बीजेपी की कुंडली में गज केसरी योग का निर्माण हो रहा है, जो ये मान प्रतिष्ठा और पद के लिए प्रभावी होता है। लग्न में राहु आने के कारण बीजेपी के नेताओं का आपस में विवाद रहेगा, जिससे ख्याति में गिरावट आयेगी, लेकिन पार्टी सत्ता में वापिसी करेगी, संघर्ष के साथ। पूर्ण बहुमत की संभावना कम है।
गठबंधन का असर
सपा की वृष लग्न की कुंडली है, और वृष लग्न में केतु स्थिति है। और तीसरे भाव में नीच का मंगल है। पांचवे भाव में गुरु है और छठवें भाव में सूर्य है नीच का। और सातवें घर में बुध, शुक्र और राहू है और नौंवे घर में शनि हैं। 10 वें भाव में चंद्रमा है। मिथुन राशि में 7 मार्च से राहु आ गया, जो कुटुम्ब के भाव में दूसरे भाव में है। अष्टम घर में केतु है। वहीं पर शनि है। सप्तम घर में गुरु चल रहा है। इसकी महादशा शनि में राहु चल रहा है, जो 23 अक्टूबर 2020 तक चलेगा। राहु और शनि से प्रभावित है सपा की कुंडली, जिसके चलते लोकसभा चुनाव परिवार में आपस में झगड़े बड़ेंगे, जिससे सपा को नुकसान होगा, इसका प्रभाव बसपा सुप्रीमो मायावती पर कितना पड़ेगा, तो उन्होंने बताया कि मायावती की कर्क लग्न की कुंडली हैं, और वहीं इस महा गठबंधन को लीड कर रही हैं। दूसरे घर में गुरु हैं और पांचवें घर में मंगल, शनि और राहू है और सातवें घर में सूर्य बुध और चंद्र है और आठवें घर में शुक्र हे और 11 वें भाव में केतु है। सपा की वृष लग्न है और मायावती की कुंडली में 11 वें लाभ भाव में वृष राशि हैं, उसमें केतु बैठा है। और सपा की लग्न में भी केतु बैठा है। इसलिये सपा और बसपा के लिए लाभदायक होगा। मायावती के 12 वें घर में राहू आ गया है और छठवें घर में केतु, और पंचम घर में गुरु चल रहा है और छठवें घर में शनि चल रहा है, इनकी महादशा बुध की चल रही है। ये चलेगा 19 दिसंबर 19 चलेगा। मायावती को अचानक लाभ मिलने की बड़ी संभावना है। पीएम बनने की स्थिति नहीं है।
सपा की वृष लग्न की कुंडली है, और वृष लग्न में केतु स्थिति है। और तीसरे भाव में नीच का मंगल है। पांचवे भाव में गुरु है और छठवें भाव में सूर्य है नीच का। और सातवें घर में बुध, शुक्र और राहू है और नौंवे घर में शनि हैं। 10 वें भाव में चंद्रमा है। मिथुन राशि में 7 मार्च से राहु आ गया, जो कुटुम्ब के भाव में दूसरे भाव में है। अष्टम घर में केतु है। वहीं पर शनि है। सप्तम घर में गुरु चल रहा है। इसकी महादशा शनि में राहु चल रहा है, जो 23 अक्टूबर 2020 तक चलेगा। राहु और शनि से प्रभावित है सपा की कुंडली, जिसके चलते लोकसभा चुनाव परिवार में आपस में झगड़े बड़ेंगे, जिससे सपा को नुकसान होगा, इसका प्रभाव बसपा सुप्रीमो मायावती पर कितना पड़ेगा, तो उन्होंने बताया कि मायावती की कर्क लग्न की कुंडली हैं, और वहीं इस महा गठबंधन को लीड कर रही हैं। दूसरे घर में गुरु हैं और पांचवें घर में मंगल, शनि और राहू है और सातवें घर में सूर्य बुध और चंद्र है और आठवें घर में शुक्र हे और 11 वें भाव में केतु है। सपा की वृष लग्न है और मायावती की कुंडली में 11 वें लाभ भाव में वृष राशि हैं, उसमें केतु बैठा है। और सपा की लग्न में भी केतु बैठा है। इसलिये सपा और बसपा के लिए लाभदायक होगा। मायावती के 12 वें घर में राहू आ गया है और छठवें घर में केतु, और पंचम घर में गुरु चल रहा है और छठवें घर में शनि चल रहा है, इनकी महादशा बुध की चल रही है। ये चलेगा 19 दिसंबर 19 चलेगा। मायावती को अचानक लाभ मिलने की बड़ी संभावना है। पीएम बनने की स्थिति नहीं है।
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