क्या है कैंसर
सामान्यत: हमारे शरीर में नई-नई कोशिकाओं (cells) का हमेशा निर्माण होता रहता है, परन्तु कभी-कभी इन कोशिकाओं की अनियंत्रित गति से वृद्धि होने लगती है और यही सेल्स जो अधिक मात्रा में होती हैं एक ट्यूमर के रूप में बन जाती हैं जो कैंसर कहलाता है। इसे कार्सिनोमा (carcinoma), नियोप्लास्म (neoplasm) और मेलेगनंसी (malignancy) भी कहते हैं। लगभग 100 प्रकार के कैंसर होते हैं, और सभी के लक्षण अलग-अलग होते हैं। एक अंग में कैंसर होने पर ये दूसरे अंगो में भी फैलने लगता हैं। सभी ट्यूमर कैंसर नहीं होते हैं।
सामान्यत: हमारे शरीर में नई-नई कोशिकाओं (cells) का हमेशा निर्माण होता रहता है, परन्तु कभी-कभी इन कोशिकाओं की अनियंत्रित गति से वृद्धि होने लगती है और यही सेल्स जो अधिक मात्रा में होती हैं एक ट्यूमर के रूप में बन जाती हैं जो कैंसर कहलाता है। इसे कार्सिनोमा (carcinoma), नियोप्लास्म (neoplasm) और मेलेगनंसी (malignancy) भी कहते हैं। लगभग 100 प्रकार के कैंसर होते हैं, और सभी के लक्षण अलग-अलग होते हैं। एक अंग में कैंसर होने पर ये दूसरे अंगो में भी फैलने लगता हैं। सभी ट्यूमर कैंसर नहीं होते हैं।
ये हैं लक्षण
असामान्य गठान होना (tumour)
रक्त-स्त्राव (bleeding) होना
अत्यधिक दर्द होना
वजन घटना (बिना कारण के)
भूख कम लगना
थकान होना
रात को बहुत पसीना आना
खून की कमी होना (anaemia)
खांसी आना
हड्डियों में दर्द होना
निगलने में तकलीफ होना
मुंह और गले के छाले जो ठीक न हो
यूरिन में तकलीफ होना, ब्लड आना
गले में खराश रहना
असामान्य गठान होना (tumour)
रक्त-स्त्राव (bleeding) होना
अत्यधिक दर्द होना
वजन घटना (बिना कारण के)
भूख कम लगना
थकान होना
रात को बहुत पसीना आना
खून की कमी होना (anaemia)
खांसी आना
हड्डियों में दर्द होना
निगलने में तकलीफ होना
मुंह और गले के छाले जो ठीक न हो
यूरिन में तकलीफ होना, ब्लड आना
गले में खराश रहना
महिलायों के खास लक्षण जिन्हें अनदेखा न करें
ब्रेस्ट में किसी भी प्रकार का बदलाव आना। निप्पल का अन्दर की और मुड़ना या निपल से किसी प्रकार का डिस्चार्ज होना। किसी भी प्रकार की गठान या scar होना। थकान, ब्लीडिंग, बिना किसी कारण के वजन कम होना। दर्द होना। लिम्फ-नोड में बदलाव होना।
ब्रेस्ट में किसी भी प्रकार का बदलाव आना। निप्पल का अन्दर की और मुड़ना या निपल से किसी प्रकार का डिस्चार्ज होना। किसी भी प्रकार की गठान या scar होना। थकान, ब्लीडिंग, बिना किसी कारण के वजन कम होना। दर्द होना। लिम्फ-नोड में बदलाव होना।
पूरी तरह होता कैंसर ठीक
होम्योपथी से कैंसर को काफी हद तक ठीक किया जा सकता है। यदि कैंसर जल्दी डायग्नोसिस हो जाए तो पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। यह एक सस्ता और बिना किसी तकलीफ के रोग को ठीक करने वाला उपचार होता है। डॉ. अंकुर प्रकाश ने बताया कि होम्योपैथी ‘समरूपता के सिंद्धात’ पर आधारित यह चिकित्सा पद्धति बिना किसी साइड-इफेक्ट के सभी बीमारियों का उपचार कर सकती है। इस चिकित्सा के अनुसार रोग को अत्यंत निश्चयपूर्वक जड़ से और सदा के लिए नष्ट और समाप्त किया जा सकता है, जो मानव शरीर में, रोग के लक्षणों से प्रबल और लक्षणों से अत्यंत मिलते जुलते सभी लक्षण उत्पन्न कर सके।
होम्योपथी से कैंसर को काफी हद तक ठीक किया जा सकता है। यदि कैंसर जल्दी डायग्नोसिस हो जाए तो पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। यह एक सस्ता और बिना किसी तकलीफ के रोग को ठीक करने वाला उपचार होता है। डॉ. अंकुर प्रकाश ने बताया कि होम्योपैथी ‘समरूपता के सिंद्धात’ पर आधारित यह चिकित्सा पद्धति बिना किसी साइड-इफेक्ट के सभी बीमारियों का उपचार कर सकती है। इस चिकित्सा के अनुसार रोग को अत्यंत निश्चयपूर्वक जड़ से और सदा के लिए नष्ट और समाप्त किया जा सकता है, जो मानव शरीर में, रोग के लक्षणों से प्रबल और लक्षणों से अत्यंत मिलते जुलते सभी लक्षण उत्पन्न कर सके।