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जानिए तीन बैंकों के विलय पर आखिर कर्मचारी क्यों कर रहे विरोध

locationआगराPublished: Sep 19, 2018 10:34:53 am

सरकार ने बैंक आॅफ बड़ौदा, देना बैंक और विजया बैंक का एक ही बैंक में विलय करने की घोषणा की है

bank strike in bhilwara

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आगरा। सरकार द्वारा तीन बैंकों का विलय करने की घोषणा की गई है। जिसके बाद बैंक कर्मचारियों के रोष पनप रहा है। आगरा में यूपी बैंक इप्लाइज यूनियन के जिला मंत्री एमएम राय ने कहा है कि इससे कोई चमत्कार नहीं होगा। बैंक कर्मचारी इसका विरोध करते हैं।
घाटे में गया एसबीआई
तीन बैंकों के विलय के विरोध में बैंक कर्मचारियों द्वारा प्रदर्शन किया गया। सरकार ने तीन बैंकों बैंक आॅफ बड़ौदा, देना बैंक और विजया बैंक का एक ही बैंक में विलय करने की घोषणा की। यूपी बैंक इप्लाइज यूनियन के जिलामंत्री एमएम राय का कहना है कि सबसे पहले इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि बैंकों का विलय बैंकों को सुदृढ़ करेगा या इसे अधिक कुशल बना देगा। हमने एसबीआई के साथ विलय होने वाले पांच सहयोगी बैंकों का उदाहरण देखा है। कोई चमत्कार नहीं हुआ है। दूसरी ओर, इसके परिणामस्वरूप शाखाओं की बंदी, खराब ऋणों में वृद्धि, कर्मचारियों की कमी, व्यवसाय में कमी आदि हुई है। 200 वर्षाें में पहली बार, एसबीआई घाटे में गया है। 31.3.2017 को पांच सहयोगी बैंकों के कुल खराब ऋण लगभग रुपये 65,000 करोड़ और एसबीआई का रुपये 1,12,000 करोड़, जो कुल रुपये 177,000 करोड़ थे। अब 2018 में एसबीआई के खराब ऋण रुपये 2,25,000 करोड़ तक बढ़ गए हैं। इसलिए यह स्पष्ट है कि विलय ने खराब ऋणों को वसूलने में कोई मदद नहीं की है।
21 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक में खराब ऋण
21 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में से 19 बैंक खराब ऋणों और खराब ऋणों के लिए प्रावधानों के कारण घाटे में हैं। 31.3.2018 को, 21 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एक साथ, कुल परिचालन लाभ रुपये 1,55,565 करोड़ था लेकिन, लगभग रुपये 270,000 करोड़ के खराब ऋणों के लिए प्रावधान के कारण रुपये 85,000 करोड़ की शुद्ध हानि है। इस प्रकार, जब खराब ऋणों की वसूली और घोटालों में शामिल सभी लोगों पर आपराधिक कार्रवाई करना सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सरकार एक छलावरण के रूप में चिंताजनजक खराब ऋणों से ध्यान हटाने के लिए 3 बैंकों के विलय के लिए जा रही है। बैंक आॅफ बड़ौदा, देना बैंक और विजया बैंक में कुल खराब ऋण लगभग रुपये 80,000 करोड़ है। इन बैंकों का विलय खराब ऋणों को वसूल करने में मदद नहीं करेगा। दूसरी ओर, ध्यान विलय के मुद्दे की ओर चला जाएगा और यही सरकार की योजना है। इस पर अपना विरोध प्रकट करने के लिए आगरा के बैंक कर्मचारियों द्वारा बैंक आॅफ बड़ौदा की प्रधान शाखा, संजय प्लेस, आगरा पर प्रदर्शन किया गया।

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