कस्बा बरहन स्थित टीचर्स कालोनी में जलस्तर लगातार घटने की वजह से हैड़ पंप खराब हो गया। जिसका रीबोर ग्राम प्रधान सोना देवी द्वारा पास में बने मन्दिर परिसर में करा दिया। मन्दिर परिसर में एक परिवार रहता है। टीचर्स कालोनी के सभी मकानों में सबमर्सिवल पंप लगे हुए हैं। मन्दिर में रह रहे परिवार को पानी लेने के लिए पाच सौ मीटर दूर बस स्टैंड पर लगे हैड़ पंप पर जाना पड़ता है। पानी की समस्या को देख प्रधान द्वारा सार्वजनिक मन्दिर परिसर में हैड़पंप लगा दिया गया। जिसका स्थानीय भाजपा नेता द्वारा पत्र लिख जिला पंचायत राज अधिकारी से शिकायत की गई और रीबोर कर लगाए गए नल को उखाड़ कर दूसरी जगह लगाने को कहा गया। जिसकी जांच करने के लिए एडीओ पंचायत अशोक कुमार यादव गुरुवार को टीचर्स कॉलोनी पहुंचे मौके पर लगे नल की स्थिति देखी। जांच करने पहुंचे अधिकारी के सामने मन्दिर में रह रहे परिवार की महिला फूट फूटकर रोने लगी। महिला का कहना था कि बह अपने परिवार के पाच सदस्य के साथ रह रही है। मन्दिर के आसपास कही पानी की सुविधा नहीं है। प्रतिदिन पाच सौ मीटर की दूरी से पानी लेकर आना पड़ता है। कभी कभार अपनी समझ दार पुत्री को घर मे अकेला छोड़ पानी लेने जाना पड़ता है। पानी की वजह से बहुत समस्या का सामना करना पड़ता है और महिला ने एडीओ पंचायत से कहा कि अगर सरकार द्वारा नल उखडवाया गया तो वह पलायन या आत्महत्या करने के लिए आमद हो जाएगी।
टीचर्स कॉलोनी में प्रधान द्वारा लगाए गए हैड पंप का स्थानीय सत्ताधारी नेता ने शुरू से ही विरोध किया है। विरोध के चलते प्रधान द्वारा रीबोर करने आई मशीन को हटाया जा रहा था, तभी महिला प्रेमवती ने प्रधान पति विजय सिंह बघेल के सामने रोने लगी और अपने ऊपर मिट्टी का तेल डालने लगी। प्रधान पति और वहां उपस्थित ग्रामीणों ने मुश्किल महिला को समझाया और नल लगाने का आश्वासन दिया। तब बह महिला शान्त हुई। वहीं ग्राम प्रधान बरहन सोना देवी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि रीबोर में आया नल सार्वजनिक मन्दिर पर लगाया गया है। पुरानी जगह नल बार बार खराब हो रहा था। कॉलोनी के अधिकतर परिवार ने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए है।
नल की जांच को पहुंचे एडीओ पंचायत अशोक यादव का कहना था कि निजी जगह पर नल लगाने की शिकायत मिली थी, लेकिन जांच करने पर प्रधान द्वारा बताया गया है कि नल सार्वजनिक मन्दिर के पास लगाया गया है, जोकि एक मंदिर के परिसर में है। चूंकि इस संबंध में शिकायत की गई है तो तहसील से जगह की जांच भी कराई जाएगी कि जमीन सार्वजनिक है या निजी।