script

गर्भ में छिपे रहस्यों को सुलझाने में लगी दुनिया, अल्ट्रासाउंड से सुन सकते हैं गर्भास्थ के दिल की धड़कन, देखें वीडियो

locationआगराPublished: May 04, 2019 07:09:28 pm

इंडियन सोसायटी ऑफ अल्ट्रासाउंड इन ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (इनसॉग-2019) का दूसरा दिन

Gynecology

Gynecology

आगरा। आप बच्चे को जन्म देने वाली हैं। अधिकतर महिलाओं के लिए मातृत्व का ये अहसास पहली बार अल्ट्रासाउंड के साथ होता है। जब अल्ट्रासाउंड के मॉनीटर पर बच्चे का दिल दिखाई देता है और धड़कनें चलती रहती हैं। लेकिन ऐसी बहुत सी चीजें हैं जिनकी हम और आप कल्पना भी नहीं कर सकते। आगरा में यही सब चीजें जानने को मिल रही हैं स्त्री रोग एवं अल्ट्रासाउंड विशेषज्ञों के सम्मेलन में।
गर्भ में छिपे रहस्यों को सुलझाने में लगी दुनिया, अल्ट्रासाउंड से सुन सकते हैं गर्भास्थ के दिल की धड़कन, देखें वीडियो

600 चिकित्सक एक साथ यहां रहे मौजूद
ताजनगरी में एक बार फिर देश-विदेश के 600 से अधिक नामी स्त्री रोग एवं अल्ट्रासाउंड विशेषज्ञ जुटें हैं। 03 से 05 मई 2019 तक यहां फतेहाबाद रोड स्थित होटल मेंशन ग्रांड में इंडियन सोसायटी ऑफ अल्ट्रासाउंड इन ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (इनसॉग-2019) का आयोजन किया जा रहा है। इसमें मां एवं शिशु के जीवन-मरण से संबंधित संवेदनशील विषयों पर मंथन चल रहा है। महिलाओं से जुड़ी तमाम गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं, उनके निराकरण एवं इलाज के साथ ही अल्ट्रासाउंड एवं प्रसूति क्षेत्र के वैश्विक विशेषज्ञों द्वारा उदाहरण, पैनल डिस्कशन, क्विज, व्याख्यान, पोस्टर एवं पेपर प्रजेंटेशन और अल्ट्रासाउंड शिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। देश-दुनिया से आए अनेकों विशेषज्ञ सम्मेलन में हैरान करने वाली जानकारियां दे रहे हैं।

मां को पहले लेना पड़ता है नया जन्म
सम्मेलन के दूसरे दिन ऑर्गनाइजिंग चेयरपर्सन डॉ. जयदीप मल्होत्रा ने बताया कि नई जिंदगी को दुनिया में लाने से पहले मां को खुद एक नया जन्म लेना पड़ता है और न जाने कितनी ही माताएं यह जंग हार कर समय से पहले काल कवलित हो जाती हैं। ऐसे तमाम बिंदुओं पर इस आयोजन में तीन दिनों तक मंथन होने वाला है। ऑर्गनाइजिंग चेयरमैन डा. नरेंद्र मल्होत्रा ने बताया कि न सिर्फ भारत के शीर्ष स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ बल्कि अंतर्राष्ट्रीय फैकल्टी में बेल्जियम के प्रो. डर्क टिमरमैन, इजरायल की डा. करीना क्रेजडन हजरत, यूएसए के डॉ. एल्फ्रेड जेड अबूहमीद, यूनाइटेड किंगडम के प्रो. बक्शी तिलंगनाथन, भारत के डॉ. प्रशांत आचार्या आदि के साथ ही 600 से अधिक विशेषज्ञ इस सम्मेलन में शिरकत कर रहे हैं।
इन्होंने दिए व्याख्यान
भारत में इसके संस्थापक सदस्य डॉ. प्रशांत आचार्य, डॉ. नितिन चैबल, डॉ. अनीता कौल, डॉ. अशोक खुराना, डॉ. गीता कालर, डॉ. चंदर लुल्ला, डॉ. जयदीप मल्होत्रा, डॉ. नरेंद्र मल्होत्रा, डॉ. प्रतिमा राधाकृष्णन, डॉ. बीएस रामामूर्ति, डॉ. पीके शाह, डॉ. एस सुरेश, डॉ. सुशीला वविलाला आदि ने व्याख्यान दिए। सोविटास कम्पनी के प्रबंध निदेशक नितिन गोयल ने अतिथि डॉक्टरों को पौधे भेंट किए। व्यवस्थाएं सुमित घई, तन्वी साहनी, विकास शर्मा, राकेश आहूजा ने संभालीं।
दूसरे दिन 8 तकनीकी सत्र, 46 व्याख्यान
सम्मेलन स्थल पर दूसरे दिन तीन सभागारों में 8 तकनीकी सत्र और विभिन्न विषयों पर 46 व्याख्यान हुए। तीन लाइव वर्कशॉप आयोजित की गईं। डॉ. राहुल गुप्ता, डॉ. ऋषभ बोरा, डॉ. सुशीला वविलाला, डॉ. नीति चैबल, डॉ. चंदर लुल्ला, डॉ. एस सुरेश, डॉ. एल्फर्ड अबुअहमद, डॉ. गीता कालरा, डॉ. सरिता दीक्षित, डॉ. पीके शाह, डॉ. जयदीप मल्होत्रा, डॉ. पीके श्रीवास्तव ने कार्यशालाओं को संबोधित और संचालित किया। डॉ. एल्फ्रेड अबुहमीद ने फीटल कार्डियक एवेल्युएशन पर, डॉ. अनीता शेटिटकेरी ने फीटल हार्ट पर, डॉ. प्रशांत आचार्य ने एब्नॉर्मल फीटल कार्डियक एनोटोमी पर, डॉ. प्रीति तोमर ने गर्भावस्था की दूसरी तिमाही पर, डॉ. बक्शी तिलंगनाथन ने फीटल थ्रोसिस पर, डॉ. अदिति शाह ने गर्भावस्था असमानताओं पर तकनीकी सत्र को संबोधित किया।

भ्रूण की हार्टबीट देती है संकेतः डॉ. एल्फ्रेड
यूएसए के डॉ. एल्फ्रेड अबूहमीन ने बताया कि भ्रूण की हार्टबीट, प्रेग्नेंसी, जन्म और बाद में भी आपके बच्चे के स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ये अच्छी बात है कि आपके बच्चे की दिल की धड़कनों को देखने की नई तकनीक कई जानकारियां प्रदान करती है, गर्भावस्था के दौरान सब ठीक रहे और जन्
मजात दिल की बीमारियों का जल्दी ही पता चल जाता है।
गर्भ में हृदय को समझने का मौकाः डॉ. प्रशांत आचार्य
भारत के वरिष्ठ स्त्री रोग एवं अल्ट्रासाउंड विशेषज्ञ डॉ. प्रशांत आचार्य ने बताया कि तकनीक के विकास ने आज हमें गर्भ में ही बच्चे के ह्दय को समझने का मौका दिया है, जिससे हम वाकिफ हैं। तीसरे सप्ताह में यह धड़कनें सुनाई देती हैं। पांचवें सप्ताह में भ्रूण का हार्ट चैंबर विकसित होना शुरू होता है। छठे सप्ताह में हार्ट रेट 100-160 बीट्स पर मिनट बीपीएम हो जाता है। इस समय आप अल्ट्रासाउंड मॉनीटर पर धड़कनें देख सकते हैं। आठवें सप्ताह में हार्टबीट में एक स्थिर रिदम होता है।
अल्ट्रासाउंड इलाज में भी मददगारः प्रो. डर्क टिमरमैन
बेल्जियम के प्रो. डर्क टिमरमैन ने कहा कि अल्ट्रासाउंड पहले महज जांच में मददगार विधि थी, लेकिन अब यह इलाज में बेहद कारगर साबित हो रहा है। खासकर गर्भस्थ शिशु के वजन समेत दूसरी विसंगतियों को पकड़कर उन्हें दूर करने में मदद मिल सकती है। उन्होंने गर्भस्थ शिशु में गले की विसंगतियों के साथ ही अल्ट्रासाउंड की कार्यप्रणाली के विभिन्न तिमाही में उसकी उपयोगिता पर जानकारी दी।
आनुवांशिकी की बड़ी भूमिकाः डॉ. कैरिना क्रेजडन हैरेट्ज
इजराइल की डॉ. कैरिना क्रेजडन हैरेट्ज ने बताया कि बच्चे के दिल समेत संपूर्ण विकास में आनुवांशिकी बड़ी भूमिका निभाती है। लेकिन आप बच्चे के स्वास्थ्य पर ध्यान दे सकते है।। इसके लिए आप फ्रेश खाना खाएं, पौष्टिक खाएं, पूरी नींद लें और तनाव से दूर रहें। कुछ चीजें हैं जो आपको ध्यान रखनी चाहिए। उन्होंने बच्चे के दिमागी विकास पर भी विस्तार से जानकारी दी।
UP News से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Uttar Pradesh Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर ..

UP Lok sabha election Result 2019 से जुड़ी ताज़ा तरीन ख़बरों, LIVE अपडेट तथा चुनाव कार्यक्रम के लिए Download करें patrika Hindi News App .

ट्रेंडिंग वीडियो