दूसरे राज्यों में गए असलाहधारी
जनपद में करीब 49 हजार से अधिक असलाह हैं। पुलिस के पास नेताओं सहित सरकारी कर्मचारियों की पूरी सूची उपलब्ध है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक इन दिनों सत्यापन में करीब पांच सौ से अधिक ऐसे लाइसेंस धारक का कोई सुराग नहीं मिल रहा है जिनके पते जनपद में दर्ज कराए गए हैं। सूत्र बताते हैं कि ये ऐसे लोग हैं जो अपने हथियार लेकर हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, मध्य प्रदेश या फिर मुबंई में जाकर गार्ड का काम कर रहे हैं। जल्द ही इन्हें नोटिस जारी किए जाएंगे। बता दें कि इन दिनों बैंक एटीएम में कैश जमा करने वाले गार्ड भी ऐसे ही लाइसेंस पर नौकरी कर रहे हैं। पुलिस अब इनकी सुरक्षा की जांच कर सकती है।
जनपद में करीब 49 हजार से अधिक असलाह हैं। पुलिस के पास नेताओं सहित सरकारी कर्मचारियों की पूरी सूची उपलब्ध है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक इन दिनों सत्यापन में करीब पांच सौ से अधिक ऐसे लाइसेंस धारक का कोई सुराग नहीं मिल रहा है जिनके पते जनपद में दर्ज कराए गए हैं। सूत्र बताते हैं कि ये ऐसे लोग हैं जो अपने हथियार लेकर हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, मध्य प्रदेश या फिर मुबंई में जाकर गार्ड का काम कर रहे हैं। जल्द ही इन्हें नोटिस जारी किए जाएंगे। बता दें कि इन दिनों बैंक एटीएम में कैश जमा करने वाले गार्ड भी ऐसे ही लाइसेंस पर नौकरी कर रहे हैं। पुलिस अब इनकी सुरक्षा की जांच कर सकती है।
प्राइवेट गार्ड की नौकरी कर रहे
शहर में सिक्योरिटी सर्विसेज देने वाले कई दफ्तर खुले हुए है। जहां घर, दफ्तर और दुकान आदि में बंदूकधारी गार्ड की नौकरी मुहैया कराई जाती है। ये गार्ड अपने रिस्क पर असलाह लेकर नौकरी करते हैं। चुनाव से पहले क्या पुलिस इनके असलाह जमा करा पाएंगी। इसके लिए भी अधिकारियों में मंत्रणा शुरू हो गई है। हालांकि अभी तक शहर में शस्त्र जमा कराने वाले रुचि नहीं दिखा रहे हैं।
शहर में सिक्योरिटी सर्विसेज देने वाले कई दफ्तर खुले हुए है। जहां घर, दफ्तर और दुकान आदि में बंदूकधारी गार्ड की नौकरी मुहैया कराई जाती है। ये गार्ड अपने रिस्क पर असलाह लेकर नौकरी करते हैं। चुनाव से पहले क्या पुलिस इनके असलाह जमा करा पाएंगी। इसके लिए भी अधिकारियों में मंत्रणा शुरू हो गई है। हालांकि अभी तक शहर में शस्त्र जमा कराने वाले रुचि नहीं दिखा रहे हैं।