समय समय पर होते हैं सभी भगवान के लिए आयोजन
इस मौके पर मंदिर की कार्यकर्ता बबली त्रिपाठी ने बताया कि मातृशक्ति मंदिर में समय समय पर हर देवी देवताओं के लिए आयोजन किए जाते हैं। कुछ दिनों पहले यहां जन्माष्टमी का त्योहार धूमधाम से मनाया गया था। भगवान कृष्ण के जन्म के साथ भजन, कीर्तन आदि तमाम कार्यक्रम किए गए थे। अब गणपति जी का त्योहार आया है। इस दौरान आसपास के सभी इलाकों के भक्त आकर सुबह शाम गणपति का पूजन करते हैं। उनके व अन्य देवी देवताओं के भजन गाए जाते हैं। गणपति को उनका पसंदीदा भोग लगाया जाता है। हर दिन सुबह शाम उनके भक्त श्रद्धा के साथ उनके लिए तरह तरह के व्यंजन लाते हैं और सबकी खुशहाली की प्रार्थना कर प्रसाद का वितरण किया जाता है।
इस मौके पर मंदिर की कार्यकर्ता बबली त्रिपाठी ने बताया कि मातृशक्ति मंदिर में समय समय पर हर देवी देवताओं के लिए आयोजन किए जाते हैं। कुछ दिनों पहले यहां जन्माष्टमी का त्योहार धूमधाम से मनाया गया था। भगवान कृष्ण के जन्म के साथ भजन, कीर्तन आदि तमाम कार्यक्रम किए गए थे। अब गणपति जी का त्योहार आया है। इस दौरान आसपास के सभी इलाकों के भक्त आकर सुबह शाम गणपति का पूजन करते हैं। उनके व अन्य देवी देवताओं के भजन गाए जाते हैं। गणपति को उनका पसंदीदा भोग लगाया जाता है। हर दिन सुबह शाम उनके भक्त श्रद्धा के साथ उनके लिए तरह तरह के व्यंजन लाते हैं और सबकी खुशहाली की प्रार्थना कर प्रसाद का वितरण किया जाता है।
मंदिर में पूरी होती हर मुराद
बबली त्रिपाठी बताती हैं कि मातृशक्ति मंदिर को बने हुए अभी बहुत समय नहीं हुआ है, इसके बावजूद यहां कई जगहों से भक्त आते हैं। इसका कारण है कि ये मंदिर बहुत सिद्ध है। यहां जो भी सच्चे दिल से भगवान की सेवा करता है या कुछ मन्नत मांगता है तो उस भक्त की इच्छा जरूर पूर्ण होती है। उन्होंने बताया कि इस बार मंदिर में पांच दिनों तक गणपति विराजेंगे। पांचवे दिन उनका धूमधाम से विसर्जन कर फिर से वापस आने की प्रार्थना की जाएगी।
बबली त्रिपाठी बताती हैं कि मातृशक्ति मंदिर को बने हुए अभी बहुत समय नहीं हुआ है, इसके बावजूद यहां कई जगहों से भक्त आते हैं। इसका कारण है कि ये मंदिर बहुत सिद्ध है। यहां जो भी सच्चे दिल से भगवान की सेवा करता है या कुछ मन्नत मांगता है तो उस भक्त की इच्छा जरूर पूर्ण होती है। उन्होंने बताया कि इस बार मंदिर में पांच दिनों तक गणपति विराजेंगे। पांचवे दिन उनका धूमधाम से विसर्जन कर फिर से वापस आने की प्रार्थना की जाएगी।