जानबूझकर समुदाय विशेष को डराने व धमकाने का उद्देश्य
ज़िला अध्यक्ष इदरीश अली ने कहा कि श्रीश्री रविशंकर का विवादित बयान उनके प्रख्यात आध्यत्मिक गुरु होने के नाते जानबूझकर भारत जैसे लोकतंत्र देश की धर्म निरपेक्षता को खण्डित करने के उद्देश्य से और दंगे इत्यादि भड़काने के उद्देश्य से दिया गया है। वहीं उनका विवादित बयान समुदाय विशेष को डराने और धमकाने के उद्देश्य से भी दिया गया था। विवादित बयान देकर माननीय सर्वोच न्यायालय की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का प्रयास किया गया है। ज़िला अध्यक्ष ने यह भी कहा कि श्री श्री रविशंकर अयोध्या पर विवादित बयान देकर सस्ती लोकप्रियता हासिल करना चाहते चाहते थे, जिसकी वजह से हिन्दू मुस्लिम एकता में दरार पड़ी है। उनका दावा है कि श्रीश्री रविशंकर का यह विवादित बयान कृत्य भारतीय दण्ड संहिता की धारा 153,153ए व 153बी के अंतर्गत आता है। इसलिए एआईएमआईएम ने वरिष्ट पुलिस अधीक्षक से शिकायत प्रार्थना पत्र दिया है, अगर इस पर कोई कार्रवाई नहीं होती है, फिर मजबूरन न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा।
ज़िला अध्यक्ष इदरीश अली ने कहा कि श्रीश्री रविशंकर का विवादित बयान उनके प्रख्यात आध्यत्मिक गुरु होने के नाते जानबूझकर भारत जैसे लोकतंत्र देश की धर्म निरपेक्षता को खण्डित करने के उद्देश्य से और दंगे इत्यादि भड़काने के उद्देश्य से दिया गया है। वहीं उनका विवादित बयान समुदाय विशेष को डराने और धमकाने के उद्देश्य से भी दिया गया था। विवादित बयान देकर माननीय सर्वोच न्यायालय की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का प्रयास किया गया है। ज़िला अध्यक्ष ने यह भी कहा कि श्री श्री रविशंकर अयोध्या पर विवादित बयान देकर सस्ती लोकप्रियता हासिल करना चाहते चाहते थे, जिसकी वजह से हिन्दू मुस्लिम एकता में दरार पड़ी है। उनका दावा है कि श्रीश्री रविशंकर का यह विवादित बयान कृत्य भारतीय दण्ड संहिता की धारा 153,153ए व 153बी के अंतर्गत आता है। इसलिए एआईएमआईएम ने वरिष्ट पुलिस अधीक्षक से शिकायत प्रार्थना पत्र दिया है, अगर इस पर कोई कार्रवाई नहीं होती है, फिर मजबूरन न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा।