थाना हरीपर्वत क्षेत्र के एक हॉस्पिटल में आईवीएफ सेंटर (IVF Center) चल रहा है। इस सेंटर पर बांझपन के शिकार कपल्स का इलाज किया जाता है। जिन महिलाओं में अंडाणु नहीं बनते हैं, ऐसी महिलाएं बच्चों को जन्म दे सकें। इसके लिए टेस्ट टयूब बेबी की मदद ली जाती है, इस प्रक्रिया में शरीर से बाहर महिला के अंडाणु (Eggs) और उसके पति के स्पर्म (Sprem) को फर्टिलाइज कराया जाता है, इसे दो से तीन दिन बाद महिला के गर्भ में प्रस्थापित कर दिया जाता है
आईवीएफ तकनीक के जरिए गर्भ धारण की प्रक्रिया अब काफी प्रचलित हो गई है। जिन महिलाओं के अंडाणु नहीं बनते हैं, उनके लिए अंडाणु खरीदे जाते हैं। हरीपर्वत क्षेत्र के आईवीएफ सेंटर में उदयपुर से एजेंट 22 महिलाओं को अंडाणु बेचने के लिए लेकर आया था। यहां ऐजेंट ने 40 हजार रुपए में सौदा किया लेकिन, महिलाओं को 35 हजार रुपए देने थे। 22 में से तीन महिलाओं के इंजेक्शन लगाने के बाद अंडाणु लिए गए।
बताया गया है कि एजेंट को तीन केस के लिए 1.20 लाख रुपये दिए जाने थे, पांच हजार रुपये पहले ले लिए थे। तीन महिलाओं के अंडाणु निकालने के बाद सेंटर संचालक ने 1.14 लाख रुपये दे दिए। रात में एजेंट 1.14 रुपये लेकर भाग गया, सुबह जानकारी होने पर महिलाओं ने हंगामा कर दिया। महिलाएं थाना हरीपर्वत पहुंच गई और एजेंट पर धोखाधडी के आरोप लगाए। पुलिस के पहुंचने के बाद महिलाओं को रुपए दिए गए, इसके बाद वे चलीं गईं।