Diabetes के होते हैं दो प्रकार टाइप 1 डायबिटीज
टाइप 1 डायबिटीज ज्यादातर बच्चों में पायी जाती है। इसमें शरीर में इंसुलिन बनना बंद हो जाता है। इलाज के रूप में बच्चे को इंसुलिन के इंजेक्शन देने पड़ते हैं ताकि शरीर के अतिरिक्त ग्लूकोज को नियंत्रित किया जा सके।
टाइप 1 डायबिटीज ज्यादातर बच्चों में पायी जाती है। इसमें शरीर में इंसुलिन बनना बंद हो जाता है। इलाज के रूप में बच्चे को इंसुलिन के इंजेक्शन देने पड़ते हैं ताकि शरीर के अतिरिक्त ग्लूकोज को नियंत्रित किया जा सके।
टाइप 2 डायबिटीज
90 फीसदी लोगों को टाइप 2 डायबिटीज परेशान करती है। कई बार ये समस्या आनुवांशिक हो सकती है, तो कई बार खराब लाइफस्टाइल इसकी प्रमुख वजह होती है। इसमें इंसुलिन कम बनता है, जिसकी वजह से शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने लगती है और व्यक्ति मोटा होने लगता है। संतुलित डाइट, दवाओं का समय पर सेवन और व्यायाम से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
90 फीसदी लोगों को टाइप 2 डायबिटीज परेशान करती है। कई बार ये समस्या आनुवांशिक हो सकती है, तो कई बार खराब लाइफस्टाइल इसकी प्रमुख वजह होती है। इसमें इंसुलिन कम बनता है, जिसकी वजह से शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने लगती है और व्यक्ति मोटा होने लगता है। संतुलित डाइट, दवाओं का समय पर सेवन और व्यायाम से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
इन लक्षणों से होती पहचान
1. बार-बार पेशाब आना, साथ ही पेशाब के तुरंत बाद प्यास लगना।
2. आंखों की रोशनी कम होना और शरीर में भारीपन महसूस होना
3. त्वचा में संक्रमण, फोड़े फुंसी आदि होना।
4. शरीर पर जगह-जगह और खासतौर पर हाथ-पैर या गुप्तांगों पर खुजली होने पर जख्म होना।
5. चोट लगने पर जल्दी ठीक न होना।
1. बार-बार पेशाब आना, साथ ही पेशाब के तुरंत बाद प्यास लगना।
2. आंखों की रोशनी कम होना और शरीर में भारीपन महसूस होना
3. त्वचा में संक्रमण, फोड़े फुंसी आदि होना।
4. शरीर पर जगह-जगह और खासतौर पर हाथ-पैर या गुप्तांगों पर खुजली होने पर जख्म होना।
5. चोट लगने पर जल्दी ठीक न होना।
बचाव के लिए करें ये उपाय
1. मीठी चीजों को खाने से परहेज करें।
2. ब्रेड, नॉन, नूडल्स आदि मैदे से बनी चीजों से परहेज करें।
3. जंकफूड और फास्टफूड से लेने से परहेज करें।
4. आलू, अरबी, शकरकंद, चावल आदि से खाने से बचें।
5. नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।
6. कपालभाति, अनुलोम विलोम आदि प्राणायाम को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाएं।
7. तनाव न लें, इससे बचने के लिए मेडिटेशन का सहारा लें।
1. मीठी चीजों को खाने से परहेज करें।
2. ब्रेड, नॉन, नूडल्स आदि मैदे से बनी चीजों से परहेज करें।
3. जंकफूड और फास्टफूड से लेने से परहेज करें।
4. आलू, अरबी, शकरकंद, चावल आदि से खाने से बचें।
5. नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।
6. कपालभाति, अनुलोम विलोम आदि प्राणायाम को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाएं।
7. तनाव न लें, इससे बचने के लिए मेडिटेशन का सहारा लें।
बीमारी से जूझ रहे हैं तो ये चीजें खाने से होगा फायदा
1. अमरूद, आंवला, नींबू, जामुन, संतरा और पपीता जैसे फल खाना फायदेमंद है।
2. टमाटर, पत्तागोभी, फूलगोभी, गाजर, ब्रोकली, मूली, पालक, भिंडी, खीरा, शलजम, कद्दू, शिमला मिर्च, मेथी, मूली, बथुआ, करेला, कद्दू और कच्चे केले की सब्जियां खूब खाएं।
3. दलिया, ब्राउन राइज़, चोकर युक्त आटा, लहसुन, दालचीनी, ग्रीन टी, प्लेन छाछ, टोंड मिल्क आदि अपनी डाइट में शामिल करें।
4. खाना पकाने के लिए सरसों के तेल या सूरजमुखी के तेल का प्रयोग करें।
1. अमरूद, आंवला, नींबू, जामुन, संतरा और पपीता जैसे फल खाना फायदेमंद है।
2. टमाटर, पत्तागोभी, फूलगोभी, गाजर, ब्रोकली, मूली, पालक, भिंडी, खीरा, शलजम, कद्दू, शिमला मिर्च, मेथी, मूली, बथुआ, करेला, कद्दू और कच्चे केले की सब्जियां खूब खाएं।
3. दलिया, ब्राउन राइज़, चोकर युक्त आटा, लहसुन, दालचीनी, ग्रीन टी, प्लेन छाछ, टोंड मिल्क आदि अपनी डाइट में शामिल करें।
4. खाना पकाने के लिए सरसों के तेल या सूरजमुखी के तेल का प्रयोग करें।