रोग पकड़ में न आ रहा हो तो
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि यदि कोई व्यक्ति गंभीर रोग से ग्रसित हो किन्तु रोग पकड़ में न आ रहा हो तो एक उपाय कारगर हो सकता है। इसके लिए रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र में आक की जड़ लाएं। उसे गंगाजल से धोकर उस पर सिन्दूर का लेपन करें और गुग्गल की धूप दें। इसके बाद गणेश मन्त्र का कम से कम 108 बार जाप कर रोगी के सिर के उपर से 7 बार उतार कर शाम के समय किसी सुनसान जगह पर जमीन में गाड़ दें। ये उपाय करने से रोग भी पकड़ में आ जाएगा और जल्द ही उसका समाधान भी मिल जाएगा।
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि यदि कोई व्यक्ति गंभीर रोग से ग्रसित हो किन्तु रोग पकड़ में न आ रहा हो तो एक उपाय कारगर हो सकता है। इसके लिए रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र में आक की जड़ लाएं। उसे गंगाजल से धोकर उस पर सिन्दूर का लेपन करें और गुग्गल की धूप दें। इसके बाद गणेश मन्त्र का कम से कम 108 बार जाप कर रोगी के सिर के उपर से 7 बार उतार कर शाम के समय किसी सुनसान जगह पर जमीन में गाड़ दें। ये उपाय करने से रोग भी पकड़ में आ जाएगा और जल्द ही उसका समाधान भी मिल जाएगा।
फाइलेरिया की समस्या
फीलपांव, फाइलेरिया और हाथी पांव के नाम से पहचानी जाने वाली बीमारी में भी आक का पौधा बड़े काम का है। इस बीमारी से निपटने के लिए रोगी के निवास से उत्तर की ओर उगे आक के पौधे की जड़ रविवार के दिन लाकर लाल धागे के सहारे रोगी के पैर में बांधें। फीलपांव की समस्या शीघ्र दूर हो जाएगी।
फीलपांव, फाइलेरिया और हाथी पांव के नाम से पहचानी जाने वाली बीमारी में भी आक का पौधा बड़े काम का है। इस बीमारी से निपटने के लिए रोगी के निवास से उत्तर की ओर उगे आक के पौधे की जड़ रविवार के दिन लाकर लाल धागे के सहारे रोगी के पैर में बांधें। फीलपांव की समस्या शीघ्र दूर हो जाएगी।