गरीबों के खाते से करोड़ों का ट्रांजेक्शन
सपा नेता की कंपनी से बड़ा खेल हुआ। जो लोग सरसों की बिक्री का काम ही नहीं करते, उनसे सरसों की खरीद दिखाई गई है। गरीब किसानों के खातों को खोलकर उनमें 45 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन किए गए हैं। सरसों की जो खरीद दिखाई गई, वह ट्रक उन ई-वे बिलों को लेकर रूट से गुजरे ही नहीं, वहीं दिनेश राठौर की कंस्ट्रक्शन और रीयल इस्टेट फर्म के जरिए काले धन को सफेद करने संबंधी कागजात सामने आए हैं। इसमें भी झांसी के एक गरीब मजदूर के नाम पर कंपनी बनाकर सब कांट्रेक्ट दिखाए गए हैं।
सपा नेता की कंपनी से बड़ा खेल हुआ। जो लोग सरसों की बिक्री का काम ही नहीं करते, उनसे सरसों की खरीद दिखाई गई है। गरीब किसानों के खातों को खोलकर उनमें 45 करोड़ रुपये के ट्रांजेक्शन किए गए हैं। सरसों की जो खरीद दिखाई गई, वह ट्रक उन ई-वे बिलों को लेकर रूट से गुजरे ही नहीं, वहीं दिनेश राठौर की कंस्ट्रक्शन और रीयल इस्टेट फर्म के जरिए काले धन को सफेद करने संबंधी कागजात सामने आए हैं। इसमें भी झांसी के एक गरीब मजदूर के नाम पर कंपनी बनाकर सब कांट्रेक्ट दिखाए गए हैं।
श्रमिक बना दिए करोड़पति
वहीं आयकर टीम ने जब सर्च किया, तो पता चला कि कि झांसी के मजदूर को कंपनी का पार्टनर दिखाया गया है। यही नहीं, मोबिलाइजेशनल एडवांस के नाम पर 114 करोड़ रुपये तो लिए, पर उसका कोई रिकॉर्ड नहीं दिखाया गया। एक दो नहीं, बल्कि दर्जन भर से ज्यादा फर्जी कंपनियों के नाम पर टेंडर और सब कांट्रेक्ट का यह खेल खेला गया। आयकर अधिकारियों ने बताया कि आरपी इन्फ्रा ने ठेके के बाद सब कांट्रेक्ट के लिए दस कंपनियां भी दिखाई, जिनमें एक झांसी का मजदूर भी पार्टनर दिखाया गया है। उसने पूछताछ में बताया कि उससे केवल चेक पर साइन कराए जाते हैं। उसे किसी कंपनी की जानकारी नहीं, वो मजदूरी करता है।