पिछले कुछ चुनावों में कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था। नगर निकाय चुनाव में भी कांग्रेस अच्छा नहीं कर सकी थी। कांग्रेस के दिग्गजों ने इन नतीजों को गंभीरता से देखते हुए ये निर्णय लिया कि बूथस्तर पर पार्टी को मजबूती दी जाएगी। जिसके बाद बूथ पर काम शुरू हुआ। राहुल गांधी ने आगरा में जब रोड शो किया था, तब जबरदस्त भीड़ थी लेकिन, ये भीड़ वोट में तब्दील नहीं हो सकी थी। आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए कई योजनाएं बनाई जा रही हैं, जिनमें बूथ स्तर पर काम की ये योजना भी शामिल है। जिलाध्यक्ष दुष्यंत शर्मा ने पत्रिका को जानकारी दी कि इस बार एक बूथ पर 11 लोगों को जोड़ने का काम किया जा रहा है। बूथ के सभी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं के नाम, मोबाइल नंबर और उनकी ईमेल आईडी भी जोड़ी जा रही हैं। पार्टी शीर्ष नेतृत्व कभी भी इन कार्यकर्ताओं या पदाधिकारियों से सीधे संवाद कर सकता है। पूरी जानकारी 30 नवंबर तक भरने के बाद इसे पार्टी हाईकमान को भेज दी जाएगी। पूर्व सीएम अशोक गहलौत की निगरानी में आगरा की पूरी डिटेल होगी। बूथ पर पार्टी मजबूत होगी तो चुनाव में जीत आसान होगी। इस बार भारतीय जनता पार्टी की केंद्र और प्रदेश सरकार की कमियों को भी जनता तक पहुंचाया गया है। जो झूठे वादे सरकारों ने किए हैं, उनकी पूरी जानकारी जनता को दी गई हैं।
विधानसभा 2017 के चुनाव में उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव और राहुल गांधी ने मिलकर चुनाव लड़ा था। संभावनाएं बन रही हैं कि इस लोकसभा चुनाव में भी गठबंधन की संभावनाएं बन रही हैं। लेकिन, पार्टी कार्यकर्ता गठबंधन से इतर चुनाव की तैयारियों में जुटा हुआ है।